समस्त पापों को नष्ट करता है योगिनी एकादशी व्रत, जानें इसकी तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि


योगिनी एकादशी व्रत को करने से ना सिर्फ इस जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं, बल्कि पुण्य की भी प्राप्ति होती है।

इस महीने एक अहम एकादशी व्रत पड़ने जा रहा है। इस एकादशी व्रत को रखने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और मृत्यु के बाद स्वर्ग की प्राप्ति होती है। जैसा कि आप जानते ही होंगे कि हर महीने दो एकादशी तिथियां होती हैं। आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष को पड़ने वाली एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी कहते हैं। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस व्रत को करने से ना सिर्फ समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं, बल्कि 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य प्राप्त होता है।

योगिनी एकादशी की तिथि : 

इस साल योगिनी एकादशी का व्रत शुक्रवार 24 जून को रखा जाएगा। इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है और सभी पापों से मुक्ति मिलती है। अब आईये आपको बतायें इसका मुहूर्त :-

-आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी 23 जून को रात 9 बजकर 41 मिनट से शुरु होगी।

-24 जून को सुबह 09 बजकर 40 मिनट से शुभ योग प्रारंभ हो जाएगा।

-इस दिन ज्येष्ठा नक्षत्र शाम 06 बजकर 32 मिनट तक है।

-शुभ समय यानी अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक है।

-एकादशी तिथि का समापन 24 जून को रात 11 बजकर 12 मिनट पर होगा। 

-उदया तिथि के अनुसार 24 जून को योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

-व्रत का पारण 25 जून, शनिवार को सुबह 05: 41 मिनट से सुबह 08:12 मिनट के बीच होगा।

योगिनी एकादशी का महत्व : 

ऐसा माना जाता है कि इस एकादशी का व्रत करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है. सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पौराणिक कथाओं के मुताबिक धर्मरा​ज युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी व्रत के महत्व में जानना चा​हा था। तब भगवान श्रीकृष्ण ने बताया कि इसे योगिनी एकादशी कहते हैं। जो व्यक्ति योगिनी एकादशी का व्रत रखता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। पृथ्वी लोक पर तो उसके पाप मिटते ही हैं, परलोक में भी उसे पुण्य प्राप्त होता है। श्रद्धापूर्वक व्रत करनेवालों को मृत्यु के बाद स्वर्ग प्राप्त होता है।

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