सावन के सोमवार के दिन पड़ रही है पवित्रा एकादशी. इस दिन व्रत रखने और पूजा पाठ करने से भोलेनाथ और भगवान विष्णु की कृपा एकसाथ मिलेगी.
हिंदू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व है. इस पूरे महीने भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए जगह जगह रुद्राभिषेक किया जाता है. शिव के मंदिर में जाकर दूध और जल से स्नान कराया जाता है. भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न रखने के लिए सावन के प्रत्येक सोमवार के दिन वृहद स्तर पर रुद्राभिषेक किया जाता है. सृष्टि के संहारकर्ता के प्रकोप से बचने के लिए प्रत्येक मनुष्य अपनी श्रद्धा अनुसार लोगों को दान देते है.न
सावन के महीने में जगह-जगह से कांवरिये गंगा से जल लेकर शिव मंदिर तक जाकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं. मनुष्य सावन के पूरे महीने आस्था और भक्ति के सागर में डूबा रहता है.
इस सोमवार को बन रहा है अद्भुत संयोग : सावन महीने के चौथे सोमवार को एक विलक्षण संयोग बन रहा है. सावन महीने का चौथा सोमवार 8 अगस्त को पड़ेगा. इसी दिन एकादशी भी है. इस एकादशी को पवित्रा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन व्रत करने से साधकों को भगवान विष्णु और भगवान शिव की कृपा एक साथ प्राप्त होगी.
पूजा विधि : सावन सोमवार का व्रत रखने के लिए प्रातः काल स्नान करके पूजा स्थल को स्वच्छ करके वेदी स्थापित करें. शिव मंदिर में जाकर भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाएं. पूरी श्रद्धा से महादेव के व्रत का संकल्प लें. इस दिन भगवान शिव की आराधना करने के साथ-साथ माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की भी पूजा करें. एकादशी होने के कारण भगवान विष्णु की पूजा का लाभ भी आपको प्राप्त होगा. व्रत के दौरान सावन कथा का पाठ सुनें. पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद का वितरण करें.
Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
साभार-abp news
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