राजनीतिक हस्तियां क्‍यों पहनती हैं एकमुखी रुद्राक्ष, जानें क्‍या हैं इसको पहनने के फायदे



ऐसे हुई रुद्राक्ष की उत्‍पत्ति : रुद्राक्ष को भगवान शिव का अंश माना जाता है। इस वजह से इसका धार्मिक महत्‍व तो है ही साथ ही ज्‍योतिष में भी इसे बहुत खास माना जाता है। आज हम बात करने जा रहे हैं एकमुखी रुद्राक्ष के बारे में। वैसे तो असली एकमुखी रुद्राक्ष का मिल पाना बहुत ही मुश्किल होता है। रुद्राक्ष की उत्‍पत्ति को लेकर पुराणों में एक कथा बताई गई है। इसके अनुसार एक बार तप करते वक्‍त महादेव जब क्षुब्‍द हो गए तो उनके नेत्रों से कुछ बूंदें धरती पर गिरी जिनसे रुद्राक्ष की उत्‍पत्ति हुई। माना जाता है कि रुद्राक्ष को पहनने से जातक को असीम शक्ति प्राप्‍त होती है।

ऐसा होता है एकमुखी रुद्राक्ष का आकार : एकमुखी रुद्राक्ष काजू के आकार का या फिर अर्द्धचंद्रमा के आकार का होता है। कई बार यह गोलाकार आकार में भी मिल जाता है। एकमुखी रुद्राक्ष के मुख पर प्राकृतिक रूप से केवल एक रेखा होती है। ऐसा माना जाता है कि एकमुखी रुद्राक्ष को धारण करने से व्‍यक्ति के सभी पुराने पाप धुल जाते हैं।

एकमुखी रुद्राक्ष के स्‍वामी : ज्‍योतिष के अनुसार एकमुखी रुद्राक्ष के स्‍वामी ग्रहों के परिवार के मुखिया सूर्यदेव बताए गए हैं। अगर आपकी कुंडली में किसी वजह से सूर्य कमजोर पड़ रहे हैं तो एकमुखी रुद्राक्ष पहनना आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है।

नेताओं की पहली पसंद एकमुखी रुद्राक्ष : रुद्राक्ष के बारे में माना जाता है कि यह जातक को बेहतरीन लीडरशिप क्षमता प्रदान करता है। इसलिए अधिकांश नेता एकमुखी रुद्राक्ष पहनना पसंद करते हैं। एकमुखी रुद्राक्ष के बारे में यह भी माना जाता है कि इसको पहनने वाले पर मां लक्ष्‍मी भी विशेष कृपा होती है। जो कि पहनने वाले को धन और समृद्धि प्रदान करती हैं। इस रुद्राक्ष को पहनने से व्‍यक्ति का आत्‍मविश्‍वास बढ़ता है।

दिल के रोग से करता है रक्षा : सूर्य का संबंध हृदय के स्‍वास्‍थ्‍य से होता है। एकमुखी रुद्राक्ष को धारण करने से सूर्य की दुर्बलता की वजह से होने वाली हृदय की बीमारियां दूर रहती हैं। इसके साथ ही एकमुखी रुद्राक्ष को पहनने से सिरदर्द, मानसिक रोग, हड्डियों की कमजोरी और आंख की रोशनी से जुड़ी समस्‍याएं भी दूर रहती हैं।

एकमुखी रुद्राक्ष को कैसे और कहां पहनें : एकमुखी रुद्राक्ष को गर्दन में लाल धागे में पिरोकर पहनें। या फिर इसे सोने और चांदी की चेन में भी पहना जा सकता है। इसे रविवार के दिन धारण करना चाहिए। रविवार को स्‍नान करके इस एकमुखी रुद्राक्ष को गंगाजल से पवित्र करके धारण करें।

साभार- नवभारत टाइम्स




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