🔶 *खून का रंग सफेद* 🔶



कैसे खून का रंग सफेद हो गया रिस्तो में !!

गैरो की तो बात छोड़ो आजकल तो अपनो में  !!


पैसा क्यों इतना जरुरी हो गया !!

हर रिस्ते को निगल गया !!


माँ बाप भाई बहन खुन के रिस्ते हल्के हो गये !!

सब पर भारी हो गया धन दौलत और पैसे !!


वृद्धआश्रम बनाने वालों ने अच्छा किया !!

वरना जानवरों की तरह जाने कितने माँ बाप रोड के कीनारे मीलते !!


माँ बाप तो सारी जिंदगी की कमाई लुटा देते हैं !!

बच्चे माँ बाप मे  बटवारा कर लेते हैं!!


कैसे छोड़ आते हैं वृद्ध आश्रम में माँओ को !!

कैसे निंद आ जाती है माँ के बिना !!


सिसकती हुई माँ की आँखों को नहीं देखते !!

उसकी आँखे कहती है एक बार माँ को लगे तो लगा ले !


तुम्हारी तो एक छोटी आहट से भी जाग जाया करती थी !!

दिन भर थक कर भी तुझे रात भर जाग कर सुलाती थी !!


तुझे भुख लगी हैं ये बोलने भी नहीं आता था !!

माँ समझ लेती थी कि तुझे भुख लगी हैं !!


आज फालतू हो गयी माँ तेरे लिए !!

जैसे घर पुराने समान हैं तेरे लिए !!


एक बार तु पुछ तो कैसी हो माँ !!

दुनिया की सारी खुशियाँ मील जाती हैं माँ को !!


माँ की दुआओं में बड़ी ताकत होती हैं !!

तो उसकी बद्दुआ से भी बरबाद हो जिंदगी जाती हैं


मत रुलाओ माँ बाप को !!

इस दुनिया से जाने के बाद लौट कर नहीं आता कोई !!


मीना सिंह राठौर ✍️

नोएडा, उत्तर प्रदेश। 



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