यूपी : सरकारी कार्यक्रमाें में पूर्व मंत्री या विधायक नहीं होंगे मुख्य अतिथि


लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में संसदीय शिष्टाचार के अनुपालन के लिए एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि अब किसी सरकारी कार्यक्रम में प्रोटोकॉल के मुताबिक मौजूदा मंत्री, विधायक या सांसद की मौजूदगी में किसी पूर्व मंत्री या अन्य जनप्रतिनिधि को मुख्य अतिथि नहीं बनाया जा सकेगा।

सरकारी कार्यक्रमों के लिए प्रदेश में जिला प्रशासन के अधिकारियों को बुधवार देर शाम जारी हुए निर्देश के मुताबिक अब किसी सरकारी कार्यक्रम में मौजूदा विधानसभा या विधान परिषद सदस्य की उपस्थिति में पूर्व मंत्री या पूर्व विधायक को मुख्य अतिथि नहीं बनाया जा सकेगा।

संसदीय शिष्टाचार क्रियान्वयन अनुभाग ने मुख्य सचिव के निर्देश पर प्रोटोकॉल के मुताबिक विभिन्न पदों की सूची वरिष्ठता क्रम में जारी की है। राज्य सरकार के प्रमुख सचिव जे पी सिंह द्वारा जारी आदेश में एक जिले में आयोजित सरकारी कार्यक्रम में मौजूदा विधायक के मौजूद रहते हुए एक पूर्व मंत्री को मुख्य अतिथि बनाये जाने की घटना का हवाला आदेश जारी कर स्थिति स्पष्ट किया गया है।

इस घटना पर संज्ञान लेते हुए संसदीय अनुश्रवण समिति की बैठक में दिये गये सुझावों के आधार पर शासन ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को 2013 में जारी पूर्व आदेश को ही आधार बनाते हुए प्रोटोकॉल संबंधी आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि पूर्व मंत्री और अन्य पूर्व जनप्रतिनिधियों को उक्त सूची में स्थान नहीं दिया गया है, इसलिये सरकारी कार्यक्रमों में इन्हें वर्तमान जनप्रतिनिधि की मौजूदगी में मुख्य अतिथि नहीं बनाया जा सकता है।

कोटिक्रम के आधार पर जारी सूची में सबसे ऊपर राज्यपाल हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, विधान परिषद के सभापति, विधानसभा अध्यक्ष, उच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीश, राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री, दोनों सदनों में नेता प्रतिपक्ष और लोकायुक्त शामिल हैं। इसके बाद निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का स्थान इस सूची में निर्दिष्ट किया गया है।

(वार्ता) 






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