चाणक्य नीति के अनुसार मनुष्य की पहचान उसके गुणों से होती हैं. इन दो गुणों से व्यक्ति सफल और महान बनता है.
चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति की पहचान उसके गुणों से होती है. गुणों से युक्त व्यक्ति सभी का प्रिय होता है. ऐसे लोग जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं. लोगों के जीवन में मान सम्मान की भी कोई कमी नहीं रहती है. आचार्य चाणक्य के अनुसार जीवन की सफलता कुछ विशेष गुणों पर भी निर्भर करती है. ये गुण कौन से हैं आइए जानते हैं-
जिसकी वाणी मधुर है, उसकी प्रंशसा शत्रु भी करते हैं : चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति को अपनी वाणी पर ध्यान देना चाहिए. वाणी ऐसी बोलनी चाहिए, जिसे सुनने से आनंद की प्राप्ति हो. व्यक्ति की वाणी मधुर होनी चाहिए. व्यक्ति की वाणी जब मधुर होती है, तो उसकी बातों को गंभीरता से सुना जाता है. मधुर वाणी दूसरों को प्रभावित करती है. मधुर वाणी बोलने वाले व्यक्ति अधिक तरक्की करते हैं. ऐसे लोगों को दूसरों का स्नेह और सहयोग भी भरपूर प्राप्त होता है. मधुर वाणी बोलने वाले की शत्रु भी प्रशंसा करते हैं.
विनम्रता है सबसे बड़ा गुण : चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति का स्वभाव भी व्यक्ति की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. व्यक्ति का स्वभाव विनम्र होना चाहिए. विनम्रता में ही सफलता का रहस्य छिपा होता है. विनम्र व्यक्ति, सभी का प्रिय होता है. ऐसे व्यक्ति गंभीर होते हैं और हर विषय को अच्छे ढंग से समझने की कोशिश करते हैं, ऐसे लोग उच्च पद प्राप्त करते हैं. इस गुण को विकसित करने का प्रयास करना चाहिए. विनम्रता को सभी गुणों में श्रेष्ठ माना गया है. इस गुण से युक्त व्यक्ति पर लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती है.
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