हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या को शनि जयंती के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि सूर्य भगवान और देवी छाया के पुत्र शनि का जन्म हुआ था। मान्यता है कि इस दिन शनिदेव की पूजा-पाठ और मंत्र करने से शुभ फल मिलता है और शनि की दशा में भी राहत प्राप्त होती है। आइए जानते हैं इस साल कब मनाई जाएगी शनि जयंती और क्या है महत्व और पूजाविधि…
कब मनाई जाएगी शनि जयंती :
इस साल शनि जयंती 30 मई, 2022 दिन सोमवार को मनाई जाएगी। माना जा रहा है कि इस बार शनि जयंती तिथि का आरंभ 29 मई रविवार को दोपहर 2 बजकर 54 मिनट पर होगा और इसका समापन 30 मई को सोमवार की शाम के 4 बजकर 59 मिनट पर होगा। इस कारण से उदया तिथि मान्य होने के कारण शनि जयंती 30 मई को मनाई जाएगी।
ऐसे करें शनि जयंती की पूजा :
शनिदेव की पूजा में काले वस्त्र और तेल के बने पकवानों का प्रयोग किया जाता है। शनि जयंती के दिन स्नान से पूर्व सरसों के तेल से मालिश करके स्वच्छ जल से नहा लें। उसके बाद लकड़ी की चौकी पर काला कपड़ा बिछाकर शनिदेव की प्रतिमा, तस्वीर या फिर प्रतीक के तौर पर एक सुपारी भी रख सकते हैं। उसके बाद सरसों के तेल का दीपक जलाएं। उसके बाद शनिदेव को पंचामृत और इत्र से स्नान कराएं और फिर गुलाल, सिंदूर और काजल लगाएं। फिर फूल और फल चढ़ाएं और तेल में बने पकवान या फिर इमरती का भोग लगाएं। शनिदेव की पूजा के बाद शनि स्त्रोत और बीज मंत्र का जप जरूर करें।
शनि जयंती के दिन लकड़ी का कोई सामान, लोहे का कोई सामान, सरसों का तेल और उड़द की दाल भूलकर भी न खरीदें। इस दिन बाल और नाखून भी नहीं काटने चाहिए। ऐसा माना जाता है कि शनि देव को इन सब चीजें नापसंद हैं। इस दिन किसी जानवर को न सताएं और किसी से भी अपशब्द न बोलें।
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