कुछ कहानियां अक्सर अधुरी रह जाती है !!
उजाड़ के मेरी दुनिया कितने खुश है वो,!!
जो कभी हमारे थोड़े से रुठने पे खुद भी रोया करते थे !!
कुछ कहानियाँ अक्सर अधूरी रह जाती है,!!
कभी पन्ने कम प़ड़ जाते है तो कभी स्याही सूख जाती है !!
वो मेरे रुबरु आया भी तो बारीशों के मौसम में,!!
मेरे आंसु बह रहे थे और वो बरसात समझ बैठा !!
उसे मेरी मौत की खबर ना देना मेरे दोस्तों,!!
डर है कहीं पागल न हो जाये वो इस ख़ुशी में !!
उसे अपना बनाने की जिद में,!!
अपने भी पराये किये हमने !!
किस हक़ से मांगू अपने हिस्से का वक़्त तुमसे,!!
क्यूंकि न ये वक़्त मेरा है और न ही तुम मेरे हो !!
वो जा रहे थे और मैं खामोश खड़ी देखती रही !!
सुना था की पीछे से आवाज़ नहीं देते जाने वालों को !!
वो इश्क, वो ख्वाब, वो वादे और जाने कहाँ गुम हो गए,!!
कल तक तो सिर्फ हम थे और आज मैं और तुम हो गए!!
एक आखरी बात तुमसे बोलनी है,!!
हो सके तो हमारी कहानी याद रखना !!
याद ना सही कहानी ही समझकर !!
हम तो जियेंगे लेकिन सांसे तुम रहोगे!!
जिस दिन तुमने मुँह फेरा हमसे !!
उस दिन सांसें भी रुक जायेगी !!
सिर्फ वफा ही किये है तुमसे !!
तुम कभी बेवफा ना समझना !!
लड़ते इसलिए थे हम की कही तुम दुर ना हो जाओ !!
नराज भी होते थे कि तुम मनाओ !!
ख्वाहिश बहुत थी की तुम एक बार मीलने आओ !!
लेकिन डरती थी की मीलने के बाद तुम्हे जाते हुए कैसे देखुगी !!
ख्वाब ही सही लेकिन आस पास ही रहते हो !!
मीना सिंह राठौर ✍🏻
नोएडा, उत्तर प्रदेश।
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