शनि अमावस्या पर करें साढ़ेसाती और ढैय्या से राहत के 5 आसान उपाय


शनि अमावस्या का अर्थ, उस अमावस्या तिथि से है, जो शनिवार दिन को पड़ती है. आइए जानते हैं शनि अमावस्या कब है, उसकी तिथि एवं शनि की साढ़ेसाती एवं ढैय्या से मुक्ति के उपाय के बारे में.

शनि अमावस्या का अर्थ, उस अमावस्या तिथि से है, जो शनिवार दिन को पड़ती है. इस बार वैशाख माह की अमावस्या शनिवार के दिन है. अमावस्या के अवसर पर लोग गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और गरीबों को अपनर क्षमता के अनुसार दान करते हैं. इससे पुण्य की प्राप्ति होती है. शनि अमावस्या के दिन शनि देव की पूजा करते हैं और साढ़ेसाती एवं ढैय्या के दुष्प्रभावों से राहत पाने के लिए ज्योतिष उपाय करते हैं. आइए जानते हैं शनि अमावस्या कब है, उसकी तिथि एवं शनि की साढ़ेसाती एवं ढैय्या से मुक्ति के उपाय के बारे में.

शनि अमावस्या तिथि 2022 : 

पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश प्रसाद मिश्र के अनुसार, शनि अमावस्या की तिथि 29 अप्रैल को देर रात 12 बजकर 57 मिनट पर प्रारंभ हो रहा है और य​ह तिथि अगले दिन 30 अप्रैल को देर रात 01 बजकर 57 मिनट पर पूर्ण हो रही है.

अमावस्या का स्नान एवं दान उदयातिथि के आधार पर ही होती है. इस मान्यतानुसार शनि आमवस्या 30 अप्रैल दिन शनिवार को मनाई जाएगी. इस दिन स्नान दान के साथ कर्मफलदाता शनि देव की पूजा अर्चना भी की जाएगी.

साढ़ेसाती और ढैय्या से राहत के उपाय :

1. शनि अमावस्या वाले दिन स्नान के बाद शनि देव की पूजा करें. उनको नीले फूल, शमी का पत्ता, काला तिल, सरसों का तेल आदि अर्पित करें. उसके बाद शनि चालीसा का पाठ करें. पूजा के अंत में शनि देव की आरती करें. शनि देव आप पर प्रसन्न होंगे और पीड़ा से राहत देंगे.

2. शनि अमावस्या के असवर पर स्नान के बाद किसी गरीब ब्राह्मण को लोहा, स्टील के बर्तन, नीला या काला वस्त्र, काला तिल, शनि चालीसा आदि का दान करें. साढ़ेसाती और ढैय्या से राहत मिलेगी.

3. शनि अमावस्या को किसी शनि मंदिर में जाकर सरसों के तेल में छाया देखकर दान कर दें. शनि देव का सरसों के तेल से अभिषेक करें. आपकी साढ़ेसाती और ढैय्या की महादशा में राहत मिलेगी.

4. शनि आमवस्या के दिन स्नान के बाद हनुमान जी की पूजा करें. हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें. हनुमान भक्तों को शनि देव परेशान नहीं करते हैं.

5. शनि अमावस्या को स्नान दान के बाद पीपले के पेड़ की पूजा करें, वहां पर जल अर्पित करें. शाम के समय में सरसों के तेल का दीपक जलाएं. आपकी समस्याएं दूर होंगी.

Disclaimer : इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.





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