आज है बीजेपी का 42वां स्थापना दिवस, जानिए 1980 से लेकर अब तक कैसा रहा पार्टी का सफर


आज बीजेपी का 42वां स्थापना दिवस है। इस मौके पर पार्टी के कार्यकर्ताओं को बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे पीएम नरेंद्र मोदी सुबह 10 बजे संबोधित करेंगे। बीजेपी ने पिछले 7 साल में जबरदस्त तरक्की की है। 1990 के दशक में लोकसभा में उसके सिर्फ 2 सांसद थे, लेकिन अब 300 से ज्यादा सांसद हैं। राज्यसभा में भी 100 सांसद इकट्ठा कर बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। बीजेपी के पास सारी पार्टियों के मुकाबले सबसे ज्यादा धन भी है। मोदी और अमित शाह के युग में विपक्ष खुद मानता है कि उसे बीजेपी का मुकाबला करने में दिक्कत होती है। बीजेपी का फर्श से अर्श तक पहुंचने का ये सफर हालांकि इतना आसान नहीं रहा है।

साल 1980 में लोकसभा चुनाव के दौरान जनता पार्टी को सिर्फ 31 सीटें मिलीं। पराजय का दोष जनसंघ पर मढ़ने की कोशिश हुई। जनसंघ के सदस्यों को जनता पार्टी के गठबंधन से निकाल दिया गया। इनमें अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी भी थे। ठीक दो दिन बाद 6 अप्रैल 1980 को अटल और आडवाणी ने नई पार्टी बनाई। जिसका नाम भारतीय जनता पार्टी यानी बीजेपी था। अटल बिहारी वाजपेयी इसके पहले अध्यक्ष बने। इसके बाद कमान आडवाणी ने संभाली। वो साल 1986 से 1990 तक बीजेपी के अध्यक्ष रहे। 1989 के आम चुनाव हुए, तो बीजेपी ने सबको चौंकाते हुए लोकसभा में 85 सीटें हासिल कर लीं। इसी दौर में बीजेपी ने राम मंदिर बनवाने के लिए आंदोलन भी शुरू किया।

1990 में अयोध्या आंदोलन के दौरान कारसेवकों पर गोलियां चलीं। इस घटना से बीजेपी के पक्ष में लोग और जुड़े। नतीजे में 1991 में बीजेपी ने आम चुनाव में 120 सीटें जीत लीं। उस वक्त पार्टी अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी बने। 1993 तक बीजेपी राष्ट्रीय पार्टी बन चुकी थी। 1996 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 161 सीटें हासिल की। अटल बिहारी वाजपेयी पीएम बने, लेकिन संख्याबल न होने की वजह से 13 दिन में सरकार गिर गई। 1998 में 272 सीटें जीतकर अटलजी फिर पीएम बने। फिर 1999 में 183 सीटें जीतकर अटलजी ने 2004 तक सरकार चलाई। इसके बाद बीजेपी 10 साल सत्ता से बाहर रही। 2014 में मोदी ने बीजेपी का चेहरा बनकर जो कमाल किया, उसे देश आज भी देख रहा है।

साभार-newsroom post



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