चाणक्य नीति के अनुसार जीवन में कंगाली आने के ये हैं पांच संकेत, जिन्हें देखते ही सतर्क हो जाना चाहिए


आचार्य चाणक्य के अनुसार, पांच प्रकार के संकेत आर्थिक स्थिति के कमजोर होने के संकेत माने जाते हैं। यदि आपको ऐसे संकेत अपने जीवन में दिखें तो आपको तुरंत ही सावधान हो जाना चाहिए।

चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे। कौटिल्य, विष्णुगुप्त और वात्सायन के नाम से भी उनका परिचय होता है। वह तक्षशिला विश्वविद्यालय के आचार्य थे। इतिहासकार कहते हैं कि आचार्य चाणक्य को आर्थिक राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विषयों का विशेष ज्ञान था। भारत के शास्त्रों, काव्यों और अन्य ग्रंथों में, चाणक्य की विद्वता, निपुणता और दूरदर्शिता देखने को मिलती है।

आचार्य चाणक्य ने अपने किताब चाणक्य नीति में घर में आने वाली परेशानियों के बारे में 5 संकेत बताएं हैं। यदि आप और हम इन संकेतों को शुरू से ही समझ जाते हैं, तो आप काफी हद तक कंगाली के आने से बच सकते हैं। क्योंकि किस्मत स्थिति खराब आने का संकेत जरूर देती है।

बता दें कि आचार्य चाणक्य द्वारा रचित महान ग्रंथ – अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, अर्थनीति, कृषि, समाजनीति आदि हैं। लोग चाणक्य नीतियां को बहुत पसंद करते हैं, साथ ही उन्हें अपने जीवन में उतारने का पूरा प्रयास भी करते हैं।

ये पांच नीतियां, जो आचार्य चाणक्य नीति के अनुसार हैं, उनके अनुसार अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन में, इन पांचों नीतियों को उतार ले, और इनका विशेष कर ध्यान रखे, तो वह निश्चय ही दरिद्र होने से, बच सकता है, अर्थात माता लक्ष्मी किसी न किसी रूप में उसके यहां बनी रहेंगी।

तुलसी का पौधा सूखना : चाणक्य नीति के अनुसार, अगर घर पर लगा तुलसी जी का पौधा सूख जाता है, तो यह आर्थिक स्थिति बिगड़ने के संकेत हैं। आपके यहां धन के आगमन में, रुकावट आ सकती है। कहते हैं जिस घर में तुलसी का पौधा हरा भरा रहता है, वहां लक्ष्मी जी का वास होता है। वरना सूखने पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। इसलिए तुलसी के पौधे का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

कांच का टूटना : चाणक्य नीतियों के अनुसार, घर में बार-बार कांच का टूटना और शीशा टूटना अशुभता को दर्शाते हैं। यह चीजें आर्थिक संकट को बढ़ावा देती हैं, इसलिए जब भी घर में कांच टूटे, उसे तुरंत घर से बाहर फेंक दें। और टूटे कांच में, धुंधले कांच में मुंह न देखें।

बड़े बुजुर्गों का अपमान होना : चाणक्य जी के अनुसार, जिन घरों में बड़े बुजुर्ग दुखी रहते हैं। उन्हें उचित सम्मान नहीं मिलता है। उन्हें बार-बार अपमानित किया जाता है, ऐसे घरों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहती है।

पूजा पाठ में मन ना लगना : चाणक्य नीति के अनुसार, घर के सभी सदस्यों को, नियमित रूप से, पूजा पाठ करनी चाहिए। चाहे थोड़ी देर करे, लेकिन ईश्वर के आगे सर जरूर झुकाएं, ऐसा कहते हैं कि पूजा पाठ नहीं करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है ईश्वर की कृपा भी नहीं बरसती है और आर्थिक संकट आने की आकांक्षा बनी रहती है ऐसे लोगों को हमेशा दरिद्रता का सामना करना पड़ता है।

घर में कलेश होना : चाणक्य नीति के अनुसार, गृह क्लेश, आर्थिक स्थिति को कमजोर बनाते हैं। जिस घर में कलह का वातावरण बना रहता है, अक्सर किसी न किसी बात पर, झगड़े होते रहते हैं। वहां लक्ष्मी जी का वास नहीं है।





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