चैत्र नवरात्रि : मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा से मिलता है मनचाही इच्छा का फल

 


हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. साल में चार बार नवरात्रि मनाए जाते हैं. इसमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि बेहद खास हैं. मां दुर्गा की कृपा पाने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि में पूजा-पाठ और व्रत आदि किया जाता है. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष से नवरात्रि का आरंभ होता है. इस बार चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल से शुरू होकर 11 अप्रैल तक चलेंगे. आइए जानें चैत्र नवरात्रि के तिथि, शुभ मुहूर्त और कलश स्थापना की विधि :-

चैत्र नवरात्रि 2022 में पूजा की शुरुआत कलश स्थापना के साथ की जाती है. कलश स्थापना चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होगी. कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 2 अप्रैल सुबह 6:10 मिनट से लेकर 8:29 मिनट तक होगा. यानी कलश स्थापना के लिए कुल 2 घंटे 18 मिनट का समय मिलेगा. 

यूं करें कलश स्थापना : 

कलश स्थापना के लिए सुबह स्नान आदि के बाद स्वस्थ वस्त्र दारण करें. मंदिर की साफ-सफाई करके लाल रंग का कपड़े बिछाएं. और उसके ऊपर अक्षत रखें. फिर इसके ऊपर जौ रखें. इसके ऊपर जल से भरा कलश स्थापित करें और कलश पर स्वास्तिक बनाएं. कलश पर कलावा बांधें. कलश में साबुत, सुपारी, सिक्सा, अक्षत और आम का पल्लव डालें. एक नारियल लें कर उस पर चुनरी लपेटें. और इसे कलश के ऊपर रख दें. फिर देवी का आवाहन करें. धूप-दीप से कलश की पूजा करें और फिर मां दुर्गा की पूजा करें. 

जानें किस दिन किस देवी के स्वरुप की होगी पूजा :

2 अप्रैल- शनिवार, घटस्थापना और शैलपुत्री स्वरुप की पूजा

3 अप्रैल- मां ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा

4 अप्रैल- माता चंद्रघंटा की पूजा

5 अप्रैल- माता कुष्माण्डा की पूजा

6 अप्रैल- स्कंदमाता की पूजा

7 अप्रैल- मां कात्यायनी की पूजा

8 अप्रैल- मां कालरात्रि की पूजा

9 अप्रैल- महागौरी की पूजा

10 अप्रैल- मां सिद्धिदात्री की पूजा

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.



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