महाशिवरात्रि के दिन धारण करें रुद्राक्ष, शनि के नकारात्मक प्रभाव से मिलेगी मुक्ति


रुद्राक्ष को धारण करना ना सिर्फ धार्मिक बल्कि ज्योतिष और आयुर्वेदिक वजहों से भी बहुत फायदेमंद माना जाता है। 

भगवान शिव का सबसे बड़ा त्योहार है महाशिवरात्रि, जो फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन की पूजा-अर्चना ने भोलेनाथ जल्द प्रसन्न होते हैं और शिव भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है। शिव की पूजा का धार्मिक ही नहीं, ज्योतिष शास्त्र में भी विशेष महत्व है। माना जाता है कि शिव की पूजा करनेवालों पर शनि का कोप नहीं होता। शनि के मित्र राहू-केतू भी शिव-भक्तों का नुकसान नहीं कर पाते। ऐसे में अगर आपने शिव के महाप्रसाद मानेजाने वाे रुद्राक्ष को धारण कर लिया, तो ग्रहों की नकारात्मक प्रभाव के भी मुक्ति मिलती है। इसके अलावा रुद्राक्ष को आयुर्वेद में भी स्वास्थ्यकारक माना गया है। इसलिए अगर आप जीवन भर शिव की कृपा पाना चाहते हैं तो शिवरात्रि के दिन विधि-विधान के साथ रूद्राक्ष धारण करें। इससे आपकी शारीरिक और मानसिक, कई समस्याएं दूर हो जाएंगी।

क्या होता है रुद्राक्ष?

शाब्दिक अर्थ की बात करें तो रुद्राक्ष का मतलब हुआ रुद्र का अक्ष। यानी भगवान रुद्र की आंख। प्राचीन परंपरा और शास्त्रों के अनुसार रुद्राक्ष को भगवान शिव की आंखों से विकसित हुआ माना जाता है। शिव पुराण के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसू से हुई है। लोगों के कल्याण के लिए कई वर्षों तक जब ध्यान करने के बाद जब भगवान शिव ने अपनी आंखें खोलीं, तो उनकी आंखों से आंसुओं की बूंदें गिरीं और इन्हीं से धरती पर रुद्राक्ष के पेड़ों का जन्म हुआ। रुद्राक्ष को आध्यात्मिक मनका भी कहा जाता है। प्राचीन काल से आध्यात्मिक शक्ति, आत्मविश्वास और सकारात्मक दृष्टिकोण प्राप्त करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।

रुद्राक्ष धारण करने के लाभ :

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति के सभी रोग, शोक और भय दूर होते हैं और उसे जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि रुद्राक्ष में भी किसी व्यक्ति के दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने में शक्ति होती है। रुद्राक्ष रोगों से लड़ने और स्वास्थ्य में तेजी से सुधार करने में भी लाभदायक होता है। आयुर्वेद की मानें तो रुद्राक्ष शरीर को मजबूती प्रदान करता है और ये रक्त की अशुद्धियों को दूर करता है। रक्तचाप या तनाव की समस्या से जूझ रहे लोगों को रुद्राक्ष जरुर धारण करना चाहिए।

राशि के अनुसार धारण करें रुद्राक्ष : 

ज्योतिष के अनुसार अलग-अलग राशियों के लिए रुद्राक्ष भी अलग-अलग होता है। आईये जानते हैं कि आपकी राशि के लिए कौन सा रुद्राक्ष ज्यादा फलदायक है।

मेष राशि – एक मुखी, तीन मुखी या फिर पांच मुखी रुद्राक्ष

वृष राशि – चार मुखी, छह मुखी या फिर चौदह मुखी रुद्राक्ष

मिथुन राशि – चार मुखी, पांच मुखी और तेरह मुखी रुद्राक्ष

कर्क राशि – तीन मुखी, पांच मुखी या ​फिर गौरी-शंकर रुद्राक्ष

सिंह राशि – एक मुखी, तीन मुखी और पांच मुखी रुद्राक्ष

कन्या राशि – चार मुखी, पांच मुखी और तेरह मुखी रुद्राक्ष

तुला राशि – चार मुखी, छह मुखी या फिर चौदह मुखी रुद्राक्ष

वृश्चिक राशि – तीन मुखी, पांच मुखी या फिर गौरी-शंकर रुद्राक्ष

धनु राशि – एक मुखी, तीन मुखी या पांच मुखी रुद्राक्ष

मकर राशि – चार मुखी, छह मुखी अथवा चौदह मुखी रुद्राक्ष

कुंभ राशि – चार मुखी, छह मुखी या फिर चौदह मुखी रुद्राक्ष

मीन राशि – तीन मुखी, पांच मुखी या फिर गौरी-शंकर रुद्राक्ष

डिसक्लेमर : 'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'





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