एक से ज्यादा बैंकों में अकाउंट है तो हो जाए सावधान, जानें-क्या है नया नियम?


आज आप लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर लेकर आए है, जो बेहद ही काम की है, बता दें कि अगर आपका भी खाता एक से अधिक बैंकों में है तो आप को संभालने की जरूरत है, क्योंकि एक से ज्यादा अकाउंट आपको बड़ी मुशीबत में डाल सकते हैं, यहां तक कि आपके पैसे भी कट सकते हैं। सबसे पहले तो आपको अकाउंट मेंटिनेंस के चलते कई चार्जेज देने होंगे, साथ ही कुछ अकाउंट्स में मेंटेन के नाम पर पैसे रखने होते हैं।

यही नहीं आपको रिटर्न फाइल करने में भी परेशानी आ सकती है, इसलिए आपको सिंगल अकाउंट ही रखना चाहिए, ताकि किसी भी अनचाहे चार्जेज से बचा जा सके, तो चलिए आपको विस्तार से बताते हैं। अगर नुकसान की बात करे तो सबसे पहले पहले आपको हर बैंक का अपना अलग-अलग मेंटिनेंस चार्ज, डेबिट कार्ड चार्ज, SMS चार्ज, सर्विस चार्ज, मिनिमम बैलेंस चार्ज होता है, यानी आप के जितने अलग-अलग बैंकों में खाता होंगे, आपको उतने ही अलग-अलग बैंकों के अलग-अलग चार्ज देने होगे, इसके साथ ही अगर मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करते हैं तो इसके बदले बैंक अधिक चार्ज वसूलते हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर सिंगल बैंक खाता है तो रिटर्न फाइल करना आसान होता है, क्योंकि आपकी कमाई की पूरी जानकारी सिंगल अकाउंट में राहती है, अलग-अलग बैंक अकाउंट रहने से यह कैलकुलेशन मुश्किल और बड़ा हो जाता है, ऐसे में टैक्स विभाग आपको नोटिस जारी सकता है। ऐसी ही समस्याओं को सुलझाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने इस बजट में नए सिस्टम की घोषणा की थी।

वहीं अगर नए नियम के बात करें तो अब सैलरी इनकम के अलावा दूसरे सोर्स से होने वाली इनकम, जैसे डिविडेंड इनकम, कैपिटल गेन इनकम, बैंक डिपॉजिट इंट्रेस्ट इनकम , post office interest इनकम की जानकारी पहले से भरी होगी, अभी तक टैक्सपेयर्स (taxpayers) को इसका अलग से कैलकुलेशन करना होता था, इससे कई बार भूल जाने के कारण उसे परेशानी होती थी। 





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