कोरोना मरीजों के इलाज के लिए एम्स की ओर से नई गाइडलाइन जारी, आपके लिए है जानना जरूरी


जारी नई गाइडलाइन के अनुसार हल्के लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा जाएगा वहीं गंभीर मरीजों को आइसीयू में भर्ती किया जाएगा। हल्के लक्षण वाले मरीजों में अगर दो से तीन सप्ताह तक लगातार कफ रहता है तो उनकी टीबी की बी जांच की जाएगी।

नई दिल्ली। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और आइसीएमआर कोविड-19 नेशनल टास्क फोर्स संयुक्त समूह द्वारा सोमवार को वयस्क कोविड रोगियों के इलाज के लिए नई गाइडलाइन जारी की हैं। गाइडलाइन के अंतर्गत कोरोना मरीजों को तीन भागों में बांटा गया है। मरीजों को हल्की, मध्यम और गंभीर श्रेणी में रखा गया है।

जारी नई गाइडलाइन के अनुसार हल्के लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा जाएगा, वहीं गंभीर मरीजों को आइसीयू में भर्ती किया जाएगा। हल्के लक्षण वाले मरीजों में अगर दो से तीन सप्ताह तक लगातार कफ रहता है तो उनकी टीबी की बी जांच की जाएगी। साथ ही हल्के लक्षण वाले संक्रमितों के लिए, टास्क फोर्स ने शारीरिक दूरी, घर के अंदर मास्क का उपयोग और हाथों को बार-बार धोने पर जोर दिया है।

इसके साथ ही लगातार पांच दिनों तक बुखार और सांस लेने में तकलीफ होने और आक्सीजन का स्तर 90 से 93 के बीच होने पर मरीज को मध्यम श्रेणी में माना जाएगा। ऐसे मरीजों को वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जाएगा। साथ ही इनके आक्सीजन स्तर की हर घंटे जांच की जाएगी। इसके साथ ही बीमारियों से पीड़ित बुजुर्ग मरीजों को कोरोना संक्रमित होने और सांस लेने में तकलीफ होने पर उनको आइसीयू में भर्ती कर इलाज किया जाएगा। साथ ही इनके लिए सांस लेने में तकलीफ से बचाने वाला मास्क इस्तेमाल किया जाएगा।

वहीं, ऐसे मरीजों के आक्सीजन स्तर में हर दो घंटे में बदलाव होने पर उनकी विशेष निगरानी की जाएगी। इसके साथ ही रेमडेसिविर और टासिलीजुबैम का इस्तेमाल भी विशेष परिस्थिति में मरीजों की गंभीरता को देखते हुए ही किया जाएगा। होम आइसोलेशन और बिना आक्सीजन सपोर्ट वाले मरीजों के लिए रेमडेसिविर का इस्तेमाल नहीं होगा।

साभार- जागरण





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