नई दिल्ली। हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का त्योहार बड़े धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब ये त्योहार (मकर संक्रांति) मनाया जाता है। इस साल ये पर्व शुक्रवार, 14 जनवरी को मनाया जाएगा। ज्योतिषविदों की मानें तो इस बार की मकर संक्रांति काफी खास रहने वाली है। इस साल मकर संक्रांति पर तीन शुभ संयोग बन रहे हैं।
मकर संक्रांति पर बन रहे विशेष संयोग : ज्योतिषियों के अनुसार, इस साल मकर संक्रांति की शुरुआत रोहणी नक्षत्र में हो रही है जो कि शाम को 8 बजकर 18 मिनट तक रहने वाला है। रोहिणी नक्षत्र को शास्त्रों में काफी शुभ माना जाता है। शास्त्रों के मुताबिक, इस दिन किए गए दान पुण्य से व्यक्ति को कई परेशानियों से छुटकारा मिलता है साथ ही इस दौरान की जाने वाली पूजा का बेहद फलदायी होती है। रोहिणी नक्षत्र के अलावा मकर संक्रांति पर ब्रह्म योग और आनंदादि योग भी बनने जा रहे हैं जिससे इस बार की मकर संक्रांकि हर बार से अलग और महत्वपूर्ण रहेगी।
क्या होता है ब्रह्म योग और आनंदादि योग? : ज्योतिषियों के अनुसार, ब्रह्म योग शांतिदायक कार्यों को शुरू करने के लिए बेहद शुभ माना जाता है। वहीं, आनंदादि योग सभी प्रकार की असुविधाओं को दूर करने का काम करता है। इस योग में किए गए हर काम बाधाओं और चिंताओं से मुक्त रहते हैं। अगर किसी काम की शुरूआत करनी हो तो आनंदादि योग इसके लिए शुभ माना गया है।
मकर संक्रांति का क्या है महत्व : वैसे तो हिंदू धर्म में हर त्योहार का अपना अलग महत्व होता है। कुछ इस तरह ही मकर संक्रांति का दिन है। माना जाता है मकर संक्रांति के दिन गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लेने से मोक्ष मिलता है। इस दिन तिल-गुड़, चावल-दाल की खिचड़ी आदि का दान करना शुभ माना जाता है। कई जगहों पर इस दिन पतंग उड़ाने की भी परंपरा है। मकर राशि में सूर्य के प्रवेश के दौरान सूर्यदेव की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। इससे व्यक्ति के जीवन में कई तरह के सुखद बदलाव भी आते हैं।
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