नियमित रूप से हनुमान जी का ये पाठ करने से दूर होता है पितृ दोष का प्रकोप, संकटों से मिलेगा छुटकारा


अगर जीवन में परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं तो किसी विशेषज्ञ से अपनी कुडंली की जांच करवा लें. कई बार व्यक्ति के जीवन में परेशानियों की वजह पितृ दोष भी हो सकते हैं.

व्यक्ति के जीवन में अगर परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं तो किसी विशेषज्ञ से एक बार अपनी कुडंली की जांच जरूर करवानी चाहिए. कई बार व्यक्ति के जीवन में परेशानियों की वजह पितृ दोष भी हो सकते हैं. पितृ दोष से छुटकारा पाना के लिए सकंटमोचन हनुमान जी की विशेष अराधना से लाभ मिलता है. हनुमान बाबा को कलयुग का साक्षात देव माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि सकंटमोचन हनुमान आज भी धरती पर मौजूद हैं. 

अगर आप पितृ दोष से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें. मान्यता है कि हनुमान चालीसा के पाठ से कई तरह की समस्याओं से छुटकारा मिलता है. हनुमान जी के पास पितृ दोष समाप्त करने की प्रार्थना करने के बाद चालीसा का पाठ नियमित रूप से करने से आपकी कामना पूर्ण होगी. ऐसा करने से पितृ दोष का प्रभाव कम हो जाएगा. 

बजरंग बाण का पाठ करने से सभी तरह के दुख-दर्द और भय को दूर हो जाते हैं. नियमित रूप से हनुमान जी के समक्ष बजरंग बाण का पाठ कर, उन्हें गुड़ चने का भोग लगाएं. इसके साथ ही, बजरंग बलि से पितृ दोष के सभी कष्टों को दूर करने की प्रार्थना करें. ऐसा करने से आपके सारे दुखों का नाश होगा. 

मान्यता है कि जिस जगह श्रीराम और मां सीता  का संकीर्तन होता है वहां हनुमान जी जरूर पहुंचते हैं. इसलिए नियमित रूप से घर में थोड़ी देर के लिए प्रभु श्रीराम और मां सीता का संकीर्तन प्रेम पूर्वक करें. और कष्टों को दूर करने की प्रार्थना करें.

हनुमान बाबा को सुंदरकांड भी अति प्रिय है. रोजाना शुद्ध मन से इसका पाठ करने से कष्टों से छुटकारा मिलता है. अगर नियमित रूप से नहीं कर सकते तो कम से कम मंगलवार और शनिवार के दिन तो अवश्य करें. मान्यता है कि श्री राम और हनुमान जी दोनों को सुंदरकांड का पाठ प्रिय है. इसके पाठ से सभी परेशानियां थोड़े ही समय में दूर हो जाती हैं. 

श्रीराम की तरह भगवान श्रीकृष्ण भी नारायण का ही रूप हैं. श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया है. ऐसा मान्यता है कि पितरों की मुक्ति के लिए गीता का नियमित पाठ करें. ऐसा करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. पितरों के प्रसन्न होने से वे अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं और इससे परिवार का माहौल खुशनुमा बना रहता है. 

Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

साभार-abp news




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