चाणक्य नीति : ऐसा करने और सोचने वाले हमेशा खाते हैं 'मात', जानें चाणक्य नीति


चाणक्य नीति के अनुसार कुछ बुरी आदतें हैं, जिनसे मनुष्य को दूर रहना चाहिए. क्योंकि इन आदतों को अपनाने वाला हमेशा खाता है 'मात'.

चाणक्य नीति कहती है कि असफलता किसी को पसंद नहीं है. कोई नहीं चाहता है कि जीवन में उसे असफलता का मुंह देखने पड़े. लेकिन ये भी तो संभव नहीं है कि हर बार सफलता ही मिले. लेकिन कुछ ऐसी बातें हैं जिन पर यदि ध्यान दिया जाए तो काफी हद तक असफलताओं से बचा जा सकता है. यदि आप भी ऐसा चाहते हैं तो चाणक्य की इन बातों का हमेशा ध्यान रखें.

दूसरों को कभी कमतर न आंके : चाणक्य नीति कहती है कि कभी किसी को कमजोर और कमतर नहीं समझना चाहिए. जो अतिउत्साह या अधिक आत्मविश्चास के कारण सामने वाले की क्षमता और प्रतिभा का आंकलन नहीं कर पाते हैं वे आगे चल कर धोखा खाते है. ऐसे लोगों को जीवन में असफलता मिलने की हमेशा संभावना बनी रहती है. व्यक्ति का सही चयन और आंकलन ही व्यक्ति को सफलता के दिलाने में बड़ी भूमिका निभाता है.

स्वयं को सर्वश्रेष्ठ समझने की भूल : चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को स्वयं को लेकर कभी गलतफहमी नहीं रखनी चाहिए. जो लोग स्वयं को दूसरों से अधिक श्रेष्ठ समझते हैं और अपने आगे, समाने वाले व्यक्ति को कोई महत्व प्रदान नहीं करते हैं. ऐसे लोग समय आने पर दुख उठाते हैं. चाणक्य के अनुसार स्वयं की पीठ थपथपाने वाले सच्चाई से दूर रहते हैं.

नकारात्मक विचारों से दूर रहें : चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को यदि जीवन में सफलता प्राप्त करनी है तो नकारात्मक विचारों से हमेशा दूर रहना चाहिए. मस्तिष्क में जब तक नकारात्मक विचारों का प्रवेश होता रहेगा, व्यक्ति प्रतिभा और कुशलता का पूर्ण लाभ नहीं उठा पाएगा. इसलिए इनसे दूर रहने का प्रयास करना चाहिए. नकारात्मक व्यक्ति की क्षमता, प्रतिभा और कुशलता को प्रभावित करती है.




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