पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबन्धक श्री विनय कुमार त्रिपाठी का अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष, रेलवे बोर्ड के पद पर नियुक्ति का अनुमोदन प्रदान


गोरखपुर 31 दिसम्बर, 2021: कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबन्धक श्री विनय कुमार त्रिपाठी का अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष, रेलवे बोर्ड के पद पर नियुक्ति का अनुमोदन प्रदान किया है, साथ ही श्री त्रिपाठी को छः माह का सेवा विस्तार भी प्रदान किया है। वर्तमान अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष श्री सुनित शर्मा 31 दिसम्बर, 2021 को सेवानिवृत्त हो गये। 

रूड़की से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की उपाधि प्राप्त करने के बाद श्री त्रिपाठी 1983 बैच के भारतीय रेल विद्युत इंजीनियरिंग सेवा (आई.आर.एस.ई.ई.) के अधिकारी के रूप में रेल सेवा में आये। आपकी पहली नियुक्ति उत्तर रेलवे में सहायक विद्युत इंजीनियर के पद पर हुई। तत्पश्चात आपने उत्तर रेलवे, मध्य रेलवे एवं पश्चिम रेलवे में विद्युत इंजीनियरिंग विभाग के अनेक महत्वपूर्ण पदों के उत्तरदायित्व का निर्वहन बखूबी किया। श्री त्रिपाठी ने मंडल रेल प्रबन्धक, उत्तर मध्य रेलवे/इलाहाबाद, मुख्य विद्युत लोकोमोटिव इंजीनियर एवं अपर महाप्रबन्धक/पष्चिम रेलवे तथा अपर सदस्य/संकर्षण जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कुषलतापूर्वक कार्य किया। 

श्री त्रिपाठी ने स्विटरलैंड एवं अमेरिका में उच्च प्रबन्धन में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। आपनेे अद्यतन तकनीक के 3 फेज वाले विद्युत लोकोमोटिव के विकास एवं इसके स्वदेशीकरण में सराहनीय योगदान दिया है। ये इंजन आज भारतीय रेल के अग्रवाहक हैं। 

श्री त्रिपाठी के योग्य मार्गदर्शन में पूर्वोत्तर रेलवे ने रेलवे बोर्ड स्तर की 02 शील्डें- एक विक्रय प्रबन्धन एवं दूसरा रनिंग रूम श्रेणी में प्राप्त किया। श्री त्रिपाठी ने संरक्षा, सुरक्षा, तीव्रगामी एवं आरामदेह यात्रा सुविधा उपलब्ध कराने के लिये अनेक प्रभावी कदम उठाये। संरक्षा के क्षेत्र में उठाये गये कदमों के फलस्वरूप इस वर्ष कोई भी परिणामी रेल दुर्घटना नही हुई। माल लदान के क्षेत्र में पूर्वोत्तर रेलवे ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। गत वर्ष की तुलना में अभी तक माल लदान में 60 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। माल यातायात में सुधार हेतु उठाये गये कदमों के तहत 26 प्रमुख माल गोदामों में सुधार एवं विस्तार कर चैबीस घंटे कार्यशील किया गया। मालगाड़ियों की औसत गति 50 किमी. प्रति घंटा से अधिक हो गई है। फर्रूखाबाद से पूर्वोत्तर सीमान्त रेलवे के लिए 20 रेक किसान रेल चलाई गई। आटोमोबाइल्स लोडिंग के लिये पुराने एवं अनुपयोगी आई.सी.एफ. कोचों को एन.एम.जी. वैगन में परिवर्तित किया गया। 

‘स्किल इण्डिया मिशन‘ के तहत पूर्वोत्तर रेलवे पर मानव शक्ति को निपुण बनाने हेतु कार्य किया जा रहा है, जिसके फलस्वरूप वार्षिक अनुरक्षण व्यय में कमी आने से रेल राजस्व की बचत हो रही है। क्षेत्रीय एवं सभी मण्डलीय रेल चिकित्सालयों में आक्सीजन प्लांट लगाये जा चुके हैं। कोविड-19 के दूसरी लहर जैसी विषम परिस्थिति में भी पूर्वोत्तर रेलवे ने अनेक रेल परियोजनाओं को पूर्ण किया। शाहजहाँपुर-पीलीभीत (84 किमी.) एवं मैलानी-शाहगढ़ (43 किमी.) का आमान परिवर्तन, औंडिहार-गाजीपुर सिटी (40 किमी.), सीतापुर-परसेण्डी (16.8 किमी.), माधोसिंह-ज्ञानपुर रोड (14.6 किमी.), बलिया-फेफना (10.5 किमी.) एवं औंडिहार-डोभी (20 किमी.) खण्डों के दोहरीकरण के अतिरिक्त मऊ-आजमगढ़, आनन्दनगर-नौतनवा एवं लखीमपुर-बांकेगंज खण्डों का विद्युतीकरण कार्य पूर्ण किया गया। इन परियोजनाओं के पूरा होने से तीव्र और आरामदेह यात्रा सुविधा उपलब्ध हुई है। पूर्वोत्तर रेलवे के 75 प्रतिषत रूट का विद्युतीकरण पूर्ण किया गया और लगभग 2022 के अन्त तक शत-प्रतिषत विद्युतीकरण पूर्ण कर लिया जायेगा। पूर्वोत्तर रेलवे को नेषनल एनर्जी कन्जर्वेशन अवार्ड के ट्रांसपोर्ट सेक्टर में प्रथम पुरस्कार के साथ ही उत्तर प्रदेश राज्य के अनेक पुरस्कार प्राप्त हुये। ‘रेल मदद‘ पर प्राप्त जन परिवेदनाओं का निस्तारण समय 10 मिनट हो गया है, जो कि भारतीय रेल पर सर्वश्रेष्ठ है। ‘सी.पी.ग्राम‘ पर भी प्राप्त जनपरिवेदनाओं को सुनियोजित तरीके से निस्तारित किया जा रहा है, जो कि भारतीय रेल में सर्वश्रेष्ठ है। 

इसके अतिरिक्त पूर्वोत्तर रेलवे क्रीड़ा संघ (नरसा) के संरक्षक के रूप में श्री त्रिपाठी ने खेल गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक कदम उठाये, जिसके फलस्वरूप इस वर्ष पूर्वोत्तर रेलवे के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया है, जिनमें प्रियंका गोस्वामी ने ओलम्पिक के लिये क्वालिफाई किया, पहलवान गौरव बलियान ने रूस में आयोजित जूनियर वल्र्ड कुश्ती चैम्पियनशिप में कांस्य पदक प्राप्त किया तथा चन्द्र विजय सिंह ने भारतीय कुश्ती टीम के कोच के रूप में ओलम्पिक एवं अन्य अन्तर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में भाग लिया। 

श्री त्रिपाठी को रेल प्रबन्धन एवं प्रशासन का गहन अनुभव प्राप्त है। आप रेल कर्मचारियों एवं अधिकारियों में समान रूप से लोकप्रिय हैं।   

(पंकज कुमार सिंह)

मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी         

सम्पादक/ब्यूरो प्रमुख, गोरखपुर।






Comments