यूपी में जीका वायरस का कहर, दिल्ली और बिहार में भी अलर्ट जारी, जानें क्या हैं इसके लक्षण और इलाज

 


जीका वायरस : उत्तर प्रदेश के कानपुर में अब तक 10 लोगों में जीका वायरस की पुष्टि हो चुकी है. इस बीमारी के लक्षण भी डेंगू के समान हैं इसलिए इसकी पहचान करना मुश्किल हो जाता है.

कोरोना वायरस महामारी से पूरी दुनिया जूझ रही है. वहीं भारत कोविड-19 के के साथ ही कई अन्य बीमारियों से भी लड़ रहा हैं. दरअसल इन दिनों जीका वायरस के कई मामले सामने रहे हैं. उत्तर प्रदेश के कानपुर में अब तक 10 लोगों में जीका वायरस की पुष्टि हो चुकी है. वहीं दिल्ली और बिहार में भी जीका वायरस के खतरे को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया गया है. बता दें कि इस साल की शुरुआत में सबसे पहले केरल में जीका वायरस का मामला सामने आया था.

जीका वायरस क्या है और कैसे लेता है अपनी चपेट में : 

जीका वायरस एक मच्छर-जनित वायरल संक्रमण है. ये वायरस एक संक्रमित एडीज प्रजाति के मच्छर के काटने से फैलता है, यही प्रजाति डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों को फैलाने के लिए भी जिम्मेदार है.जीका वायरस इतना खतरनाक है कि कि गर्भवती महिला से उसके भ्रूण में गर्भावस्था के दौरान फैल सकता है. जिसके कारण बच्चा अविकसित दिमाग के साथ पैदा हो सकता है. जीका वायरस ज्यादातर उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाई जाती है. फिलहाल जीका वायरस का कोई भी विशिष्ट उपचार उपलब्ध नहीं है.

डेंगू और जीका में अंतर कर पाना मुश्किल : 

वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना, डेंगू के साथ ही जीका वायरस के मामलों ने काफी चिंता बढ़ा दी है. इन तीनों बीमारियों में अंतर कर पाना कठिन हो सकता है. नतीजतन समय पर रोग का निदान न होने के कारण जान को खतरा हो सकता है. गौरतलब है कि डेंगू और जीका दोंनो ही मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारियां हैं. जीका वायरस के लक्षणों से इसकी पहचान की जा सकती है.

जीका वायरस के ये हो सकते हैं लक्षण :

-रोगियो में बुखार

-चकत्ते और जोड़ों में दर्द

-आंखों के पीछे दर्द

-उल्टी होना

इलाज

WHO के अनुसार, जीका वायरस या इससे जुड़ी बीमारियों का फिलहाल कोई इलाज नहीं है. इस वायरस के लक्षण ज्यादातर हल्के होते हैं. जीका वायरस के लक्षण वाले रोगियों को भरपूर आराम करना चाहिए, तरल पदार्थ लेने चाहिए और सामान्य दवाओं के साथ दर्द और बुखार का निदान करना चाहिए. अगर तबीयत ज्यादा खराब लगे तो फौरन डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.

वायरस के फैलाव को रोकने के लिए बरतें ये उपाय :

हालांकि ये सभी लक्षण डेंगू के भी हैं. इसलिए जीका वायरस और डेंगू में अंतर कर पाना मुश्किल होता है. ये लक्षण आम तौर से 2-7 दिनों तक रहते हैं. वर्तमान में जीका वायरस संक्रमण का इलाज या रोकथाम करने के लिए कोई वैक्सीन नहीं है.ऐसे में वायरस के फैलाव को रोकने के लिए जरूरी है कि हम एहतियात बरतें. पूरी बाजू के कपड़ें पहनें, मच्छरों को पनपने न दें.




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