ददरी मेला में संत्सग कार्यक्रम शुरू जो 24 घण्टे तक चलेगा

 


बलिया। जिलाधिकारी महोदया के निर्देश पर अधिशासी अधिकारी दिनेश कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि ऐतिहासिक ददरी मेला कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा नदी में पवित्र डुबकी लेने वाले लोगों के साथ शुरू होता है। यह मेला महर्षि भृगु के शिष्य दर्दर मुनी के सम्मान में सालाना आयोजित किया जाता है।

जिसके दौरान व्यापारी बिक्री/खरीद के लिए पूरे भारत से मवेशियों की कुछ उत्कृष्ट नस्लें लाते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के बाद या उसके बाद, विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और अगले पखवाड़े के दौरान यहां विभिन्न वस्तुओं की बड़ी संख्या में अस्थिर दुकानों लगती है। साथ ही ददरी मेले में दूर-दराज से ग्रामीण क्षेत्रों से आये व्यक्तियों ने मेले का आनन्द ले रहे हैं। इस ददरी में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं। साथ ही नगरपालिका एवं प्रशासन की तरफ से सारी व्यवस्था की जाती है। यह ददरी मेला प्रतिवर्ष मनाया जाता है। 

नगर पालिका परिषद के चेयरमैन/समाज सेवी अजय कुमार ने बताया है कि यह सत्संग कार्यक्रम रविवार को शुरू हुआ है जो 24 घण्टे तक चलेगा और 29 नवम्बर को समापन होगा। साथ ही कार्यक्रम 30 नवम्बर को कौव्वाली, मुशायरा 02 दिसम्बर को, आखिल भारतीय कवि सम्मेलन 05 दिसम्बर को, ददरी महोत्सव 11 दिसम्बर को एवं 13 दिसम्बर को ददरी मेले का समापन होगा। संत्सग कार्यक्रम में प्रधान लिपिक राघव मिश्रा भी उपस्थित रहे।



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