चाणक्य नीति : इन बातों का ध्यान रखने से मिलती है जीवन में अपार सफलता, लक्ष्मी जी का भी मिलता है आशीर्वाद


चाणक्य नीति कहती है कि सफलता प्राप्त करने के लिए बुरी और गलत आदतों का त्याग करना पड़ता है.

सफलता की कुंजी कहती है कि जीवन में बड़ी सफलता तभी प्राप्त होती है जब व्यक्ति श्रेष्ठ गुणों को अपनाते हुए इंसानियत को ध्यान में रखकर कार्य करता है. जिस कार्य में मानव कल्याण की भावना नहीं होती है, उसके पीछे सफलता भी नहीं होती है. हर श्रेष्ठ कार्य में मानव कल्याण की भावना निहित होती है.

सफलता का पहला मंत्र परिश्रम है. जो व्यक्ति परिश्रम करने से बचता है. आलस से घिरा रहता है, उसके भाग्य में सफलता का सुख नहीं होता है. सफलता प्राप्त करने के लिए कठोर परिश्रम करना पड़ता है. ये ठीक उसी प्रकार है, जिस प्रकार से साधना की जाती है. साधना में ही सफलता का रहस्य छिपा है. इसलिए कठोर परिश्रम करने से कभी नहीं भागना चाहिए. जीवन में यदि बड़ी सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो कुछ बातों का हमेशा ध्यान रखें-

गलत संगत- विद्वानों की मानें तो एक बार जब लक्ष्य बड़ा निर्धारित कर लिया तो उसे हासिल करने के लिए पूरे तन-मन से जुट जाना चाहिए. गलत संगत से दूर रहना चाहिए. युवाओं को इस बात पर खास ध्यान देना चाहिए. गलत संगत सफलता में सबसे बड़ी बाधा है. गलत संगत से कार्य क्षमता, समय प्रबंधन पर प्रभाव पड़ता है. जिस कारण पल पल व्यक्ति सफलता से दूर होने लगता है. गीता में भी श्रीकृष्ण कहते हैं व्यक्ति को यदि श्रेष्ठ बनना है तो सदैव अच्छे और गुणी लोगों की संगत करनी चाहिए. अच्छी संगत से गुणों में वृद्धि होती है और गलत संगत से अवगुणों में वृद्धि होती है.

ज्ञान- सफलता ज्ञान पर आधारित है. सफलता प्राप्त करने के लिए ज्ञान के मामले में कोई समझौता नहीं करना चाहिए. ज्ञान हर प्रकार के अंधकार को दूर करता है. सफलता को आसान बनाता है. इसलिए ज्ञान को प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को त्याग भी करना पड़े तो करने के लिए तैयार रहना चाहिए. ऐसे लोगों पर लक्ष्मी जी की भी कृपा बनी रहती है.




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