सफलता की कुंजी : इन आदतों से जमा पूंजी हो जाती है नष्ट, लक्ष्मी जी हो जाती हैं नाराज

  


चाणक्य नीति कहती है कि धन की देवी लक्ष्मी उन लोगों को अपना आशीर्वाद कभी नहीं देती हैं, जो गलत आदतों को अपनाते हैं.

सफलता की कुंजी कहती है कि जीवन में अच्छी आदतों को अपनाना चाहिए. अच्छी और श्रेष्ठ आदतें ही व्यक्ति को महान और दूसरों से अलग बनाती हैं. गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि व्यक्ति को अवगुणों से दूर रहना चाहिए. अवगुण व्यक्ति को हानि पहुंचाते हैं. व्यक्ति की प्रतिभा को नष्ट कर देते हैं. ऐसे व्यक्ति को धन के मामले में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसलिए इन बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए-

लक्ष्य के प्रति गंभीरता- विद्वानों का मानना है कि जो व्यक्ति अपने लक्ष्य को लेकर गंभीर नहीं रहते हैं, उन्हें कभी सफलता प्राप्त नहीं होती है. यदि किसी प्रकार से सफलता मिल भी जाए तो ऐसी सफलता अधिक दिनों तक नहीं रहती है. सफलता को बनाए रखना भी एक चुनौती है, जो कार्य की कुशलता, अनुशासन और गंभीरता से ही आती है. इसलिए व्यक्ति को अपने मकसद को लेकर सदैव गंभीर रहना चाहिए.

बुरी संगत का त्याग करें- व्यक्ति की सफलता में संगत का भी अहम योगदान होता है. जब व्यक्ति विद्वान और कुशल लोगों की संगत करता है तो उसके ज्ञान में वृद्धि होती है. वहीं जब व्यक्ति गलत लोगों की संगत करता है तो उसके भीतर अवगुणों आते हैं. ये अवगुण उसकी सफलता में बाधक बनते हैं. अवगुण जमा पूंजी को भी नष्ट करते हैं. ऐसे लोग सही और गलत का भेद नहीं जान पाते हैं और अंत में असफलता को प्राप्त करते हैं.

निंदा न करें, न सुनें- निंदा से व्यक्ति को दूर रहना चाहिए. विद्वानों ने निंदा को भी एक रस बताया है. इसीलिए इसे निंदारस भी कहा जाता है. इससे दूर रहना चाहिए. व्यक्ति को जीवन में यदि बड़ी सफलता प्राप्त करनी है तो न तो किसी की बुराई करें और न ही किसी की बुराई को सुनें. ये गलत आदत है.





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