यूपी के इस परिवार में हैं चार आईएएस-आईपीएस, पिता को होता है गर्व

 


उत्तर प्रदेश में एक ही परिवार के चार बच्चे सिविल सर्वेंट हैं। उनके पिता को आज अपने सभी बच्चों पर गर्व होता है और वह अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हैं।

UPSC क्लियर कर आईएएस या आईपीएस अधिकारी बनना हर पढ़े-लिखे युवा का सपना होता है। आज हम आपको उत्तर प्रदेश के ऐसे परिवार की कहानी बताएंगे जिसमें एक या दो नहीं बल्कि 4 आईएएस-आईपीएस अधिकारी हैं। इस परिवार के मुखिया का नाम है अनिल मिश्रा। अनिल मिश्रा के दो बेटे और दो बेटियां हैं और ये सभी सिविल सर्विस में हैं।

अनिल मिश्रा ग्रामीण बैंक में बतौर मैनेजर सेवाएं दे रहे थे। उन्होंने अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर बहुत ध्यान दिया था। वह शुरुआत से ही चाहते थे कि उनके बच्चे अच्छी नौकरी जॉइन करें। इसलिए उन्होंने सभी बच्चों को यूपीएससी एग्जाम क्लियर कर सिविल सर्वेंट बनाने का फैसला किया था। एक इंटरव्यू में अनिल मिश्रा ने बताया था कि सभी बच्चे होशियार तो बचपन से ही थे। साथ ही मैंने भी उनकी पढ़ाई लिखाई में कोई कमी नहीं आने दी। आज मुझे गर्व होता है।

आईएएस योगेश मिश्रा : योगेश चार भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। सबसे पहले उन्होंने ही यूपीएससी एग्जाम क्लियर किया था। योगेश की शुरुआती पढ़ाई लालगंज में हुई थी। इसके बाद वह इंजीनियरिंग करने के लिए मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान आ गए थे। यहां से उन्होंने इंजीनियरिंग की और नौकरी करने लगे। वह नोएडा आए, लेकिन बाद में उन्होंने IAS बनने का फैसला किया और साल 2013 में उन्हें कामयाबी मिल गई।

आईपीएस क्षमा मिश्रा : योगेश को देखने के बाद ही क्षमा में यूपीएससी को लेकर जुनून आया था। वह पहले से तैयारी कर रही थीं, लेकिन कामयाबी नहीं मिलने के कारण निराश हो गई थीं। वह दिल्ली में रहकर सिविल सर्विस की तैयारी कर रही थीं। योगेश उनसे मिलने के लिए आए थे। योगेश को देखकर उन्होंने अपनी तैयारी पर और ज्यादा जोर दिया और चौथे प्रयास में 172 रैंक हासिल कर IPS बनने में कामयाब हुईं।

आईएएस माधुरी मिश्रा : माधुरी और क्षमा साथ में रहकर दिल्ली में सिविल सर्विस की तैयारी करती थीं। लेकिन माधुरी को क्षमा से पहले ही यूपीएससी में कामयाबी हासिल हो गई थी। माधुरी ने ग्रेजुएशन लालगंज से ही की थी। इसके बाद वह पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए इलाहाबाद चली गई थीं। माधुरी को साल 2014 में यूपीएससी क्लियर करने में कामयाबी हासिल हुई थी। वह झारखंड कैडर की IAS अधिकारी हैं। उनकी AIR 62 रैंक थी।

आईएएस लोकेश मिश्रा : लोकेश सभी भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। लेकिन वह पढ़ाई में शुरू से ही बहुत होशियार थे। यही वजह थी कि उन्हें यूपीएससी एग्जाम में 44 रैंक हासिल हुई थी। लोकेश को बिहार कैडर मिला था। वह यहां कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। लोकेश ने भी इंजीनियरिंग की थी। इसके बाद साल 2015 में उन्हें कामयाबी हासिल हो गई थी।

साभार- जनसत्ता








Comments