बलिया : रामायण कान्क्लेव : राम और उनके भाइयों के प्रेम की प्रस्तुतियां देख उमड़ी भक्ति

 


बलिया। प्रदेश सरकार के पर्यटन और संस्कृति विभाग की ओर से बलिया में आयोजित रामायण कान्क्लेव के तीसरे पड़ाव पर बुधवार की शाम राम और उनके भाइयों के बीच के प्रेम के दर्शन तो हुए ही, देशभक्ति की बयार भी खूब बही। भृगु और बाबा बालेश्वरनाथ की नगरी में एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रमों से कलाकारों ने सबका मन मोहा। अंतर्राष्ट्रीय कत्थक कलाकार रविशंकर व ममता टंडन, लोकगीत गाय​क गोपाल राय, बंटी वर्मा के साथ आजमगढ़ से आए राजकुमार साह की टीम ने नाटक की प्रस्तुति की।



कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संसदीय राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने कहा कि मुख्यमंत्री जी की भावना के अनुरूप यहां इतना भव्य कार्यक्रम हुआ, इसके लिए सभी अधिकारी सराहना के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि कत्थक नृत्य व अन्य कार्यक्रमों के बाद सबके मन में ऐसा जरूर भाव पैदा होगा कि हम सबको भारत की पारम्परित संस्कृति को पहचानने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि केवल भारत ही ऐसा देश है जहां देवियों को पूजने की व्यवस्था है। रामायण में भ्रातृप्रेम से हम सबको सीख लेने की आवश्यकता है, यही इस रामायण कान्क्लेव की सार्थकता है। 

अंतर्राष्ट्रीय कत्थक कलाकार रविशंकर व ममता टंडन के नृत्य पर थिरके दर्शक



रामायण कान्क्लेव में अंतर्राष्ट्रीय कत्थक कलाकार रविशंकर जी का कार्यक्रम सबसे खास रहा। उनके साथ प्रख्यात कत्थक नृत्यांगना डा. ममता टण्डन व उनकी शिष्य मांडवी देवी भी थीं। तीनों कलाकारों ने गणेश वंदना, तीन ताल और शिव तांडव पर शानदार कत्थक नृत्य कर सबको प्रभावित कर दिया। 'ठुमक चलत रामचन्द्र बाजत पैजनिया...' पर ममता टण्डन और उनकी टीम ने मनोहक नृत्य प्रस्तुत किया। वाराणसी के विनम्र शुक्ला ने भजन से भक्ति की सरिता बहाई। नृत्यांगना स्नेहा डे ने 'घर मोरे परदेशिया आओ पधारो पिया...' गीत पर मनमोहक कत्थक नृत्य प्रस्तुत किया।



इससे पहले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरूआत बिरहा गायन से हुई। इसके बाद बिरहा गायक छविलाल ने बिरहा के जरिए देशभक्ति के जज्बे को जगाया। उन्होंने 'कहे दुनिया ई भारत महान देशवा...' के साथ देश की आजादी के लिए संघर्ष में शाहिद हुए मंगल पांडेय पर आधारित गीत व 'हमके खादी वाली चुनरी मंगाई द पिया ना...' जैसे कजरी गीत भी प्रस्तुत किए। छविलाल ने श्रीराम के जनकपुर आगमन पर 'मन मोहे मोहनी सुरतिया देख सखी....' से माहौल में रामभक्ति का रस घोल दिया।

बंटी वर्मा ने गीतों से उकेरा राम और भाइयों का प्रेम



स्थानीय कलाकार बंटी वर्मा ने राम और उनके भाइयों के बीच प्यार को अपने गीतों से उकेरा। उन्होंने 'राम करे ऐसा प्यार हो जाए दुनिया के हर भाई में, ऐसा प्यार था यारों देखो रामलखन रघुराई में...' गाया तो गंगा बहुद्देश्यीय सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। बंटी वर्मा ने माता सीता के वनवास में उठाए कष्टों के बारे में प्रभु श्रीराम तक सन्देश पहुंचाने के प्रसंग को गीत 'हे बदरा जाके कहि दिहअ...' के जरिए जीवंत कर दिया। वहीं, संजय कुमार की टीम ने धोबिया नृत्य कर रामभक्तों का मन मोह लिया।

नाटक के जरिए समाज की कुरीतियों पर किया करारा प्रहार


रामायण के अहिल्या उद्धार कथा की थीम पर प्रस्तुत नाटक 'सुन लो स्वर पाषाण शिला के' माध्यम से आजमगढ़ के रंगकर्मी राजकुमार शाह की टीम ने समाज में युवतियों-महिलाओं के साथ होने वाली बलात्कार-छेड़खानी की घटनाओं पर करारा प्रहार करते हुए समाज के ऐसे लोगों को कटघरे में खड़ा कर दिया। अहिल्या के साथ छल देवराज इन्द्र ने अपने अधीनस्थ चन्द्रमा के साथ मिलकर किया था, किन्तु दण्ड ॠषि गौतम ने अहिल्या को दिया। इस तरह की घटनाएं आज भी घटित हो रही हैं, जिसमें उस नारी का कोई अपराध नहीं होता है जिसके साथ समाज के सामर्थ्यवान दुराचारी लोगों द्वारा जबरदस्ती की जाती है, लेकिन इसका दण्ड सबसे अधिक उसे ही भोगना पड़ता है। मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम ने ब्रह्मर्षि विश्वामित्र के कहने पर शापित अहिल्या को सामाजिक मान्यता दिलाने का जो पुरुषार्थ किया था, उसे आज पुनर्स्थापित करने की आवश्यकता है। रामायणकालीन संस्कृति के आदर्शों और मूल्यों की स्थापना के उद्देश्य से रामायण कॉन्क्लेव का आयोजन कुछ प्रश्न अवश्य छोड़ गया जिस पर हमें चिंतन करने की आवश्यकता है।

गोपाल ने लोकगीत से माहौल को किया राममय



लोकगीत गायक गोपाल राय ने राम पर आधारित भोजपुरी गीत से पूरे माहौल को राममय कर दिया। उनके गीतों पर वहां मौजूद राज्यमंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल भी खुद को नहीं रोक सके और जमकर सराहना की। गोपाल ने 'भज राम रघुराई' से कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद 'जय श्रीराम-जय श्रीराम' और 'हमार दूलहा' सहित अन्य गीतों से सबको राम की भक्ति में डुबो दिया। क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ सुभाष चंद्र यादव और अयोध्या शोध संस्थान के लवकुश त्रिवेदी के संयोजन में यह कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम के दौरान सभी कलाकारों का सम्मान स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्रम से किया गया। इस दौरान सिटी मजिस्ट्रेट नागेन्द्र सिंह, उपजिलाधिकारी राजेश यादव, मोतीलाल यादव, बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी धनराज यादव, आयोजन समिति के सदस्य शिवकुमार कौशिकेय, भानु प्रकाश सिंह बबलू, अभय सिंह कुशवाहा, राजकुमार मिश्र, अरविंद उपाध्याय, इफ्तेखार खां, धीरज गुप्ता आदि मौजूद थे।




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