चाणक्य नीति : जीवन में लोगों की परख करवाती हैं आचार्य चाणक्य की कही ये बातें

 


आचार्य चाणक्य प्रकांड विद्वान थे और विलक्षण प्रतिभा के धनी थे. सदियों पहले उनके द्वारा कही बातें आज के समय में भी प्रासंगिक हैं और आज आचार्य को लोग बेहतरीन लाइफ कोच के तौर पर देखते हैं.


आचार्य चाणक्य को देश की महान विभूतियों में गिना जाता है. वे इतने बुद्धिमान और तीक्ष्ण बुद्धि के धनी थे कि उन्होंने अपनी क्षमताओं से भारतीय ​इतिहास की धारा को बदलकर नए कीर्तिमान स्थापित कर डाले. आज भी आचार्य की कही बातों का अनुसरण किया जाता है और उन्हें एक बेहतरीन मैनेजमेंट कोच के तौर पर देखा जाता है. उन्होंने अपने ग्रंथ चाणक्य नीति में जो बातें कही हैं, वो आज भी प्रासंगिक हैं.

आचार्य के वचन सुनने और पढ़ने में बेशक कठोर लगते हैं, लेकिन वास्तव में वो जीवन की सच्चाई पर खरे उतरते हैं. यदि इंसान उनकी कही बातों का सही मतलब समझकर उन्हें जीवन में उतारे तो तमाम चुनौतियों को बहुत आसानी से पार कर सकता है. यहां जानिए आचार्य चाणक्य की कही कुछ ऐसी बातें जो आपको लोगों की परख करवा सकती हैं.

1. आचार्य का कहना था कि प्रलय आने पर समुद्र भी अपना धैर्य खो देता है और मर्यादा को भूल जाता है और किनारों को तोड़ देता है. लेकिन सज्जन व्यक्ति किसी भी हालत में अपना धैर्य नहीं खोता और न ही अपनी मर्यादा को पार करता है. हालांकि समय के साथ ऐसे सज्जन पुरुषों की कमी होती जा रही है.

2. चाणक्य नीति जिस तरह कोयल काली होने के बावजूद अपनी बोली की वजह से सुंदर कहलाती है, उसी तरह एक स्त्री की सुंदरता उसके गुणों और परिवार के प्रति समर्पण में होती है और एक बदसूरत आदमी की सुंदरता उसके ज्ञान और क्षमाशीलता में होती है.

3. आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति चाहे कितना ही रूपवान हो, लेकिन अगर उसने विद्या प्राप्त नहीं की, तो उसकी स्थिति उसी पलाश के फूल के समान है, जो सुंदर होने के बावजूद खुशबू रहित होता है.

4. एक दुर्जन सर्प (सांप) से भी कहीं ज्यादा घातक होता है. सांप तभी डंक मारता है, जब उसकी जान को खतरा होता है, लेकिन एक दुर्जन को जब भी मौका मिलता है, वो आपकी जान को खतरे में डाल सकता है.

5. जो लोग शक्तिशाली हैं, उनके लिए कोई काम कठिन नहीं होता है, जो लोग व्यापारी हैं, उनके लिए कोई स्थान दूर नहीं होता है, जो लोग विद्वान हैं, उनके लिए कोई देश दूर नहीं होता है और जो लोग मृदुभाषी हैं, उनके लिए कोई शत्रु नहीं होता है.




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