चाणक्य नीति : कोई कितना भी लालच दे, नहीं करने चाहिए ये कार्य, आगे चलकर मिलता है अपयश

 


चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति को कुछ कार्यों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए. क्योंकि इन कार्यों को करने से हानि के साथ साथ अपयश भी मिलता है.


चाणक्य नीति कहती है कि मनुष्य का जीवन अनमोल है. इस जीवन के महत्व को समझना चाहिए. जो लोग इस जीवन के महत्व को नहीं जानते हैं, वे जीवन पर परेशान और कष्टों से जूझते रहते हैं. ऐसे लोगों के जीवन में सुख और शांति का भी अभाव रहता है. लक्ष्मी जी के आशीर्वाद से भी ऐसे लोग वंचित रहते हैं. इसलिए जीवन में सफलता प्राप्त करनी है तो चाणक्य की इन बातों को कभी भी न भूलें-

लक्ष्य के प्रति समर्पित रहें- चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को अपने लक्ष्य के प्रति सदैव गंभीर रहना चाहिए. लक्ष्य की प्राप्ति में किसी भी तरह का समझौता नहीं करना चाहिए. समर्पण की भावना ही व्यक्ति को लक्ष्य भेदने की क्षमता प्रदान करती है. जो लोग लक्ष्य से भटक जाते हैं, या फिर लक्ष्य को पाने के लिए परिश्रम और अनुशासन का त्याग कर, अन्य विकल्पों पर ध्यान देने लगते हैं, उन्हें सफलता नहीं मिलती है, यदि किसी भी प्रकार से सफलता मिल भी जाए तो वो लंबे समय तक कायम नहीं रहती है.

स्वार्थी न बनें- चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को स्वार्थी नहीं बनना चाहिए. जो लोग स्वार्थी हो जाते हैं, वे अपनी प्रतिभा का बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं क्योंकि ऐसे लोग कभी कभी अपने मूल उद्देश्य से भटक जाते हैं. ऐसे लोग आगे चलकर परेशानियों का सामना करते हैं. स्वार्थ की भावना व्यक्ति को लालची भी बनती है. ऐसे लोग व्यक्तिवादी सोच से ग्रसित होकर स्वयं का ही भला करने के बारे में विचार करते हैं. सफलता प्राप्त करने के लिए लोग गलत मार्गों को भी अपनाते हैं, जिस कारण अपयश भी प्राप्त होता है. ऐसे लोगों को सम्मान प्राप्त नहीं होता है. सफलता प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को श्रेष्ठ गुणों को अपनाना चाहिए.







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