सैकड़ों बीमारियों को दूर करने वाली जड़ी बूटी है लसोड़ा, सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है इसके फल-पत्ते और बीज

 


आपने अपने घर के आस-पास या किसी गार्डन में लसोड़ा के पेड़ देखे होंगे लेकिन शायद आप इसकी खूबियों के बारे में नहीं जानते होंगे। इस पेड़ के फल, पत्ते, छाल और बीज हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है।


फल हमारी समग्र सेहत के लिए लाभकारी होते हैं पेड़ों के फलों के बारे में हम और आप पूरी तरह से अंजान रहते हैं। जैसे बहुत कम लोग जानते हैं बरगद के पेड़ से गिरने वाले फल के कई स्वस्थ्य लाभ हैं लेकिन यहां हम आपको लसोड़ा के बारे में जानकारी दे रहे हैं। लसोड़ा का वानस्पतिक नाम कॉर्डिया मायक्सा (cordia myxa) है। लसोड़ा का पेड़ भी बरगद की तरह बहुत बड़ा होता है और इसके फल बहुत चिकने होते हैं।

दक्षिण, गुजरात और राजस्थान के लोग इसे अपने खान-पान में इ्स्तेमाल करते हैं। लसोड़े के पत्तों का स्वाद पान की तरह होता है और इस पेड़ की तीन से प्रजातियां होती हैं लेकिन लमेड़ा और लसोड़ा फेमस हैं। बहरहाल, आज हम इस फल के फायदे बताएंगे और साथ ही इस बारे में भी जानकारी देंगे कि इसका इस्तेमाल कहां-कहां होता है।

औषधीय गुणों से भरपूर है लसोड़ा : लसोड़ा पोषक तत्वों से समृद्ध होता है और कुछ लोग इसे गोंदी और निसोरा के नाम से भी जानते हैं। लसोड़ा में प्रोटीन, क्रूड फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, वसा, फाइबर, आयरन, फॉस्फोरस व कैल्शियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके साथ ही लसोड़ा एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भी भरपूर है।

लिवर के स्वस्थ्य को ठीक कर सकता लसोड़ा : लसोड़े के फल में लिवर को ठीक करने वाली कई गतिविधियां होती हैं। जनवरी 2007 में नाइजीरियन जर्नल ऑफ नेचुरल प्रोडक्ट्स एंड मेडिसिन में चूहों पर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, तेल, ग्लाइकोसाइड्स, फ्लेवोनोइड्स, स्टेरोल्स, सैपोनिन्स, टेरपीनोइड्स, एल्कलॉइड्स, फेनोलिक एसिड्स, कौमारिन्स, टैनिन्स, रेजिन, गम्स और की उपस्थिति से पता चला है। म्यूसिलेज में लिवर हीलिंग गुण हो सकते हैं।

हाई ब्लड प्रेशर के लिए फायदेमंद है लसोड़ा : हाई ब्लड प्रेशर दुनिया भर में सबसे आम बीमारी है लेकिन आप इसे घरेलू नुस्खों के जरिए भी ठीक सकते हैं। साल 2016 में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि कॉर्डिया मायक्सा फल में उच्च-रक्तचापरोधी गुण होते हैं। अध्ययन 5 सप्ताह के लिए किया गया था और यह पाया गया कि यह फल निकालने रक्तचाप के स्तर को प्रबंधित कर सकता है और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम कर सकता है।

स्किन डिसऑर्डर को दूर करता है लसोड़ा : मानसून में स्किन पर फोड़े-फुंसी होना आम बात है। ये समस्या बच्चों में खासकर देखने को मिलती है जो खेलकूंद में किसी कीड़े के संपर्क में आ जाते हैं। ऐसे में अगर आपके पास लसोड़े का पेड़ है तो उसके पत्ते को पीसकर प्रभावित त्वचा पर लगाएंगे तो आराम मिलेगा। जो लोग खुजली और एलर्जी की समस्या से परेशान हैं उनके लिए भी लसोड़ा सहायक है। इसके लिए आप लसोड़े के बीजों को पीसकर खुजली वाली जगह पर लगाएं जिससे आराम मिलेगा।

गले की खराश मिटा देता है लसोड़ा : अगर आपका गला खराब है तो आप ठीक करने के लिए लसोड़े की छाल को पानी में उबालें और फिर छानकर पिएं। स्वाद के लिए आप इसमें काली मिर्च और शहद भी मिला सकते हैं। इससे आपके गले की खराश दूर हो जाएगी। इसके अलावा इसके पेड़ की छाल का काढ़ा महिलाओं को पीरियड में होने वाले दर्द ये राहत दिलाता है।

ओरल हेल्थ में मददगार है लसोड़ा : बहुत से लोगों को कुछ चीजें खाने के बाद मसूड़ों में सूजन और दांत दर्द होने लगते हैं। ये समग्र ओरल हेल्थ में सहायक है। इसके सेवन मुंह के छालों को भी दूर किया जा सकता है। ओरल हेल्थ में राहत पाने के लिए आप लसोड़े की छाल का पाउडर लें और उसे दो कप पानी में मिलाकर उबालें और फिर इस ड्रिंक को पीएं। इससे दांत का दर्द, छाले और मसूड़ों की सूजन सब गायब हो जाएगी।

जोड़ों का दर्द और गठिया में राहत दिलाता है लसोड़ा : ग्‍लूबेरी यानी लसोड़ा का नियमित सेवन गठिया से पीड़ित लोगों में जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने के लिए जाना जाता है। पाकिस्तान जर्नल ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, लसोड़ा के फलों और पत्तियों में एनाल्जेसिक गुण होते हैं जो जोड़ों के दर्द से राहत दिला सकते हैं। हालांकि, ये दवा को रिप्लेस नहीं कर पाता।

सफेल बालों की समस्या करता है लसोड़ा : अगर आपकी उम्र से पहले ही बाल सफेद हो रहे हैं तो लसोड़ा आपके लिए घरेलू औषधि है। इसके फलों से निकले रस को बालों पर लगाने से सफेद की समस्या दूर हो जाती है। आप लसोड़े के फल के रस को तेल में म‍िलाकर भी प्रयोग में ले सकते हैं। इस मिश्रण से सिरदर्द की समस्या से भी छुटकारा पाया जा सकता है। इतना ही नहीं आप लसोड़े के पत्तों का लेप लगाकर भी बेहतर परिणाम पा सकते हैं।

डिस्क्लेमर : यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

साभार- नवभारत टाइम्स






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