*दोस्ती की परिभाषा*

 


*प्यार मुहब्बत कुर्बानी हंसी मज़ाक सहारा बुलन्दी और ज़िन्दगी जीने की वजह......*

परवेज़ अख्तर* की कलम से-

एक दोस्त के घर आग लग गई ! दूसरा दोस्त उससे मिलने गया... पूछा क्या हुआ ? 😳

पहले दोस्त ने कहा सब कुछ जल गया......
दोस्त ने पूछा बचा क्या है ?

उसने कहा सिर्फ मैं....!!

दूसरे  दोस्त ने उसको गले लगाते हुये कहा तो फिर जला ही क्या है....।।🙂💐

*ये छोटी सी स्टोरी अक्सर हम लोग पढ़ा करते हैं।*

लिखने वाले ने इस छोटी सी स्टोरी में दोस्त व दोस्ती की अहमियत को ज़ाहिर किया है

और ये एहसास कराया है कि अगर एक भी सच्चा दोस्त मौजूद है तो वो दुनिया के हर रिश्ते से बेहतर है हर गम पर भारी है।🤗

क्योंकि दोस्ती का ही रिश्ता आपके क़रीब वो रिश्ता होता है जिससे आप हर वो बात कर सकते हैं जो आप बीवी से बच्चों से माँ बाप से बहन भाई से भी नहीं कर सकते हैं।

हर रिश्ता कुछ त्याग मांगता है वैसे ही दोस्ती सिर्फ इतना त्याग मांगती है कि दोस्त के ऐब दूसरों पर ज़ाहिर मत करो और उससे वफादारी की उम्मीद करने से पहले उसके लिये वफ़ादार रहो।

*ऐनी वे*

आज के *फ़्रेंडशिप डे* के दिन मैं अपने हर दोस्तों का दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ जिन्होंने मुझे ज़िन्दगी के हर पड़ाव पर सहारा दिया।

और इसी के साथ अल्लाह से दुआ करता हूँ 🤲😔

कि मेरे हर दोस्त हर जानने वाले को हमेशा खुश रखे और दुनिया की हर खुशी से नवाज़े। 🤲





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