*उम्मीद*

कंपनी बाग पार्क गेट के समीप एक वृद्ध व्यक्ति, कड़ी धुप में भी नंगे पैर अपने परिवार का बोझ लेकर लोगों से उम्मीदें लगाये सुबह से बैठा था। 

और हर आते-जाते व्यक्ति से बोलता कि मीठे खजूर हैं साहब, ले लीजिये, पैसे जो देना हो वही दे दीजियेगा। मगर लोग रुक नहीं रहे थे।

धूप में बैठे परेशान दिख रहे बाबा को रवि काफी देर से देख रहा था। वह वृद्ध के पास बैठकर पूछा कि बाबा सारे खजूर और जामुन का कितना लोगे ? 

इसे सुनते ही बाबा ने बड़ी विनम्रता से रवि की तरफ देखते हुए कहा कि आप ₹50-60 जो भी देंगे, वो दे दीजिये, मगर कुछ खरीद लीजिये। 

रवि ने ₹100 /- देते हुए कहा कि सारे ले जा रहा हूँ और बचे पैसे के कल दे दीजियेगा। इसे सुनते ही ना जाने एक अलग ही ख़ुशी उस बूढ़े बाबा में दिखाई दी जिसे सिर्फ महसूस ही किया जा सकता है जिसे शब्दों में शायद ना बता सकें। 

जाते-जाते उसके खाली पैरों को देखते हुए कल सुबह चप्पल पहुंचाने का वादा भी कर आया।

निवेदन:- इस पोस्ट का मकसद लाइक या कमेंट पाना नहीं बल्कि आपलोगों से यह अपील करना है कि हमारे आसपास भीड़ में ऐसे कई लोग दिखते हैं,

जो मामूली से पैसों के लिए घंटों धूप में बैठे रहते हैं, मगर भीख नहीं मांगते। 

ऐसे लोगों से बिना मोल-भाव किये कुछ जरूर खरीद लें, जिससे किसी के घर का चूल्हा जल जाए।


डॉ0 बी0 के0 सिंह

दन्त चिकित्सक

ओम शांति डेण्टल क्लिनिक

इंदिरा मार्केट, बलिया। 



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