अमर शहीद दुःखी कोइरी के पराक्रम को याद कर इतराया बलिया
बलिया। शहादत दिवस पर याद किये गये, बलिया के अमर शहीद । सोलह अगस्त को बलिया शहर में ब्रितानिया हुकूमत की पुलिस को चुनौती देने वाले वीरों को शहीद पार्क चौक में ज्योति श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। इस अवसर पर अखिल भारतीय सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के प्रदेश संगठन मंत्री, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कल्याण परिषद् बलिया के मंत्री शिवकुमार सिंह कौशिकेय ने बताया कि आज ही के दिन 79 वर्ष पूर्व 1942 में चौक से लोहापट्टी गुदरीबाजार जाने वाले मार्ग पर ब्रिटिश सरकार की निषेधाज्ञा को तोड़ कर खोरीपाकड़ गाँव के बीस साल के युवा दुःखी कोइरी ने अपने साथियों के साथ सब्जी की दुकान लगाया था। इस बाजार को बंद कराने के लिये तत्कालीन तहसीलदार रामलगन सिंह के नेतृत्व में शहर कोतवाल एक लारी (बख्तरबंद गाड़ी) में फोर्स लेकर यहाँ पहुँचे, तहसीलदार से दुःखी कोइरी की बहस शुरू हुई तो इस नौजवान ने तहसीलदार को उठाकर पटक दिया, शहर कोतवाल आगे आयें तो उन्हें भी उठाकर पटक दिया। पूरा प्रशासन बौखला उठा और फायरिंग शुरू कर दिया। दुःखी कोइरी मौके पर ही शहीद हो गये। इनके अलावा खोरीपाकड़ के ही इनके पट्टीदार शिवप्रसाद कोइरी, नेऊरी के ढेला दुसाध और राम सुभग चमार, मिश्रौली के सूरज मिश्र, गोपालपुर के गनपति पाण्डे, भरतपुरा के शिवमंगल राम, जीराबस्ती के रघुनाथ अहीर कुल आठ स्वातंत्र्यवीर सोलह अगस्त को यहाँ शहीद हुए थे। इस बगावत से बौखलाई पुलिस ने बालेश्वरनाथ मंदिर से पूजा करके आरहे कारों को अकारण गोली मार दिया था।
शहीदपार्क में योद्धा स्वातंत्र्यवीर स्मारक पर अपर उप जिलाधिकारी सदर गुलाबचन्द्रा, भाजपा प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक डाॅ0 धर्मेन्द्र सिंह, अभाविप के विभाग संगठन मंत्री मनीष जी ने दीप जला कर ज्योति श्रद्धांजलि का शुभारंभ किया। एएसडीम गुलाबचन्द्रा ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि मुझे बलिदानी बलिया की पवित्र भूमि पर सेवा का अवसर मिला है।
जागरूक संस्थान के अभय सिंह कुशवाहा, छोटेलाल प्रजापति, पुनीत पासवान आदि कलाकारों द्वारा शहीदों की वीरता का गायन किया गया।
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