बुजुर्ग महिला पर जुल्म की खौफनाक कहानी


5 साल के पोते के सामने मारा, खाट से बांध रेप किया; फिर जहर दिया

पूरे घटनाक्रम के बाद उन्हें करीब एक महीने से अधिक अस्पताल में गुजारना पड़ा था। फिलहाल एक माह से ज्यादा वक्त से वह कोलकाता के एक गेस्ट हाऊस में रह रही हैं और मजिस्ट्रेट के पास अपना बयान दर्ज कराने के लिए ही निकलती हैं। अपने साथ जुल्मो-सितम के पूरे वाकये के बाद वह सदमे में हैं।

पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा के दौरान न केवल मारपीट, लूटपाट, आगजनी और तोड़फोड़ हुई, बल्कि कुछ इलाकों में औरतों की असमत से भी खिलवाड़ किया गया। ऐसे ही जुल्म का शिकार पूर्व मेदिनिपुर जिले में 60 साल की एक बुजुर्ग महिला हुईं। पांच साल के पोते के सामने आरोपियों ने उन्हें मारा, फिर रेप के बाद जहर देने की कोशिश भी की थी।

पुलिस को दी शिकायत और कोर्ट में दी याचिका के मुताबिक, चार-पांच मई की दरमियानी रात (चुनावी नतीजों के दो दिन बाद) कथित तौर पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के लोग उनके घर में जबरन घुस आए थे और उन पर इस दौरान हमला किया था। हुड़दंगियों में से एक ने पीड़िता के साथ बलात्कार भी किया था। हैरत की बात है कि इस दौरान वहां उनका पांच वर्षीय पोता मौजूद था। आरोपियों ने उन्हें जहर जैसा कुछ भी लेने के लिए जोर-जबरदस्ती की थी।

पीड़िता के दामाद ने बताया कि चुनावी नतीजों के बाद टीएमसी के लोगों ने उपद्रवियों के साथ मिलकर इलाके में बीजेपी समर्थकों के घर घर पहुंच उन्हें धमकाया था। बकौल दामाद, “उन्होंने देसी बम फेंके थे, जिसके बाद मेरी सास और पत्नी घर छोड़कर भाग निकले थे।” चार तारीख की देर रात कथित तौर पर वे लोग फिर लौटे और चार जबरन घर में घुस आए। सास को खाट से बांधा गया था। फिर उस्मान ने उनका रेप किया। बाद में उन्हें जहर भी दिया गया था।

अन्य आरोपियों का नाम उन्होंने गौतम दास, शुभ्रत कुमार दास और सुक्रांत दास बताया। कहा कि बच्चा इन चारों के वहां रहने के दौरान बिस्तर के नीचे छिपा रहा था। दामाद के अनुसार, “ये लोग हमारे रिश्तेदार हैं, पर टीएमसी समर्थक हैं। मेरा और मेरी सास के साथ इनका लंबा जमीनी विवाद चल रहा है।” बता दें कि बुजुर्ग महिला के पति की अगस्त 2016 में मौत हो गई थी।

पूरे घटनाक्रम के बाद उन्हें करीब एक महीने से अधिक अस्पताल में गुजारना पड़ा था। फिलहाल एक माह से ज्यादा वक्त से वह कोलकाता के एक गेस्ट हाऊस में रह रही हैं और मजिस्ट्रेट के पास अपना बयान दर्ज कराने के लिए ही निकलती हैं। अपने साथ जुल्मो-सितम के पूरे वाकये के बाद वह इतना सदमे में हैं कि यहां (कोलकाता) से 130 किमी दूर अपने गांव वापस जाने में डर रही हैं।

पीड़िता का परिवार खुद को बीजेपी समर्थक मानता है। उनका दावा है कि उन्हें भी बाहर निकलने में डर लगता है। अनजान नंबरों से इस दौरान परिजन को फोन भी आते हैं, जिन पर रेप का केस वापस लेने के बदले पैसे का ऑफर दिया जाता है। परिवार के मुताबिक, चार में से तीन आरोपी उनके जानने वाले हैं, जिनके साथ उनका जमीनी विवाद है, पर उनका यह भी कहना है कि वे लोग (आरोपी) टीएमसी समर्थक हैं।

बुजुर्ग महिला पर जुल्म की खौफनाक कहानी उन मामलों में से एक है, जिन्हें बीजेपी नेतृत्व ने चुनाव बाद बड़े स्तर पर हुई हिंसा के तहत मुद्दा बनाया है। हालांकि, कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद एनएचआरसी जांच में आरोप है कि ममता सरकार ने हिंसा होने दी। एनएचआरसी सदस्य अपने दौरे के वक्त वहां पीड़ित बुजुर्ग और उसके परिवार से भी मिले थे।

उधर, टीएमसी ने महिला पर हमले से जुड़ाव को खारिज किया है। कहा है कि बुजुर्ग मानसिक रूप से विकलांग हैं और बीजेपी ने उन्हें पार्टी के खिलाफ आरोप गढ़ने के लिए छिपा कर रखा है। इसी बीच, परिवार का कहना है कि घटना के 12 दिन बाद 60 वर्षीय महिला का मेडिकल टेस्ट हुआ था, जिसके बाद उन्हें कोलकाता स्थित निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती रखा गया था। जून के दूसरे हफ्ते में बीजेपी की मदद से वह सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी, जहां एसआईटी से जांच की मांग की गई थी।

साभार- जनसत्ता




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