पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ न केवल इनकमटैक्स पेयर्स उठा रहे हैं बल्कि मृतक किसानों के खातों में भी सालाना 6000 रुपये केंद्र सरकार डाल रही है। पिछले दिनों संसद में कृषि मंत्री ने अपने लिखित जवाब में कहा था कि देश में 42 लाख से अधिक अपात्र किसान पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे हैं।
वहीं अगर यूपी की बात करें तो ऐसे अपात्र किसानों की संख्या 7 लाख से अधिक है। योगी सरकार ने पिछले दिनों किसान सम्मान निधि के तहत दिए जा रही धनराशि के लाभार्थियों का रैंडम सत्यापन का निर्देश दिया था। 2020-21 के 5 फीसद व 2021-22 के दस फीसद लाभार्थियों की जांच की गई। इसमें 7.10 लाख लोग ऐसे निकले, जो लघु या सीमांत किसान नहीं हैं। इनमें 2.34 लाख किसान ऐसे हैं, जो आयकरदाता हैं। अब सरकार इन अपात्रों से वसूली की तैयारी में है। इसका जिम्मा जिलों में तैनात विभागीय अफसरों को सौंपा गया है।
वैसे तो अपात्र लाभार्थियों की इस बड़ी संख्या में सबसे ज्यादा 3, 86,000 गलत खाते या फर्जी आधार वालों की है। दूसरे नंबर पर इनकमटैक्स पेयर्स हैं। इनकी संख्या 2,34,010 है। वहीं 32,300 लाभार्थी ऐसे हैं, जो पहले ही स्वर्ग सिधार गए हैं। इसके बावजूद हर साल 2000-2000 की तीन किस्तें उठा रहे हैं। वहीं अन्य वजह से अपात्रों की संख्या भी 57,900 है।
ये हैं अयोग्य लाभार्थी :-
-अगर परिवार में कोई टैक्सपेयर है तो इस योजना का लाभ उसे नहीं मिलेगा। परिवार का आशय पति-पत्नी और अवयस्क बच्चे से है।
-जो लोग खेती की जमीन का इस्तेमाल कृषि कार्य की जगह दूसरे कामों में कर रहे हैं।
-बहुत से किसान दूसरों के खेतों पर किसानी का काम तो करते हैं, लेकिन खेत के मालिक नहीं होते।
-यदि कोई किसान खेती कर रहा है, लेकिन खेत उसके नाम नहीं है तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
-अगर खेत उसके पिता या दादा के नाम है तब भी वे इस योजना का फायदा नहीं उठा सकते।
-अगर कोई खेती की जमीन का मालिक है, लेकिन वह सरकारी कर्मचारी है या रिटायर हो चुका हो।
-मौजूदा या पूर्व सांसद, विधायक, मंत्री उन्हें पीएम किसान योजना का लाभ नहीं मिलता।
-प्रोफेशनल रजिस्टर्ड डॉक्टर, इंजिनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट या इनके परिवार के लोग।
-कोई व्यक्ति खेत का मालिक है, लेकिन उसे 10000 रुपये महीने से अधिक पेंशन मिलती है
साभार- हिन्दूस्तान
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