इम्यूनिटी को करती है बुस्ट-चौलाई

 


चौलाई में प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, आयरन, और कैल्शियम भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं.आयुर्वेद के जानकारों के मुताबिक चौलाई में प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, आयरन, और कैल्शियम भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं. चौलाई स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी काफी कारगर होती है. चौलाई में मौजूद तत्व आपके शरीर के लिए काफी लाभदायक हो सकते हैं. कोरोना संक्रमण के दौरान भी चौलाई रामबाण साबित हो सकती है. 

तंदुलीय चौलाई का सेवन साग या भाजी के रूप में किया जाता है। आमतौर पर लोग चौलाई के बारे में इतना ही जानते हैं, लेकिन सच यह है कि तंदुलीय चौलाई का उपयोग एक औषधि के रूप में भी किया जाता है। चौलाई में इतने औषधीय गुण होते हैं कि आप अंदाजा नहीं लगा सकते। चौलाई का इस्तेमाल कर आप कई रोगों को ठीक कर सकते हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, चौलाई का प्रयोग पीलिया, मुंह के छाले, सांसों के रोग, खांसी, हिचकी की परेशानी, पेशाब में जलन की समस्या आदि को ठीक करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा चौलाई के उपयोग और भी हैं। 

*चौलाई में भरपूर मात्रा में प्रोटिन और विटामिन सी पाया जाता है, जो हमारे शरीर में इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है. संक्रमण रोगों से हमें बचाती है. कोरोना काल में डॉक्टर भी प्रोटीन और विटामिन सी का सेवन करने की सलाह देते हैं. कोविड-19 के समय आपके लिए चौलाई एक अच्छा विकल्प हो सकता है.*

*चौलाई (amaranth grain) का वानस्पतिक नाम  Amaranthus spinosus Linn. (एमारेन्थस स्पाइनोसस) है और यह Amaranthaceae (ऐमारेन्थेसी) कुल का है। चौलाई को देश या विदेश में इन नामों से भी जानी जाती हैः-*

Hindi (amaranth in hindi)–चौलाई, चौराई का साग, कटैली चवलाई,

English–स्पाइनी एमारेन्थ (Spiny amaranth), थार्नी पिगवीड (Throny pigweed), Prickly Amaranth (प्रिक्ली एमारेन्थ),

Sanskrit–तण्डुलीय, मेघनाद, काण्डेर, तण्डुलेरक, विषघ्न,

Bengali–कांटा नटे (Kanta nate), कांटामरीस (Kantamaris),

Marathi–कांटेमाठ (Kantemath),

Gujarati–कांटालो डांभो, (Kantalo dambho), कांटालो धीम्डो (Kantalo dhimdo),

Kannada–मुल्लुहरिवेसोप्पु (Mulluharivesoppu),

Telugu–मोला टोटा कुरा (Mola tota kura),

Tamil–मुलुक्कोरै (Mullukkore),

Nepali–वनलुडे (Vanlude),

Malayalam–मुलेन्चीरा (Mullanchira)

*सर्दी-खांसी में है मददगार*

चौलाई का साग सर्दी-खांसी और जुकाम में भी फायदेमंद होता है. इसमें पाए जाने वाले तत्व रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का कार्य करते हैं. चौलाई में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी और खनिज होते हैं. जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को ठीक करते हैं.

*पेट के लिए भी फायदेमंद*

चौलाई पेट के लिए काफी फायदेमंद होती है. यह पाचन तंत्र को मजबूत करने का काम करती है. इसमें पाया जाने वाला तत्व हमारे पाचन एंजाइमों को सक्रीय बनाता है. इसके अलावा यह हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को भी बाहर निकालने का काम करत है.

*शरीर को रखती है एक्टिव*

चौलाई में लाइसिन प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है. यह कैल्शियम को अवशोषित करने में शरीर की सहायता करता है. जिससे थकान दूर होता है. आप दिन भर एनर्जेटिक महसूस करते हैं. 

*वजन कम करने में भी सहायक* 

चौलाई वजन कम करने में भी सहायक होती है. शरीर में इंसुलिन के लेवल को कम करने का काम करती है. चौलाई के सेवन से भूख नहीं लगता है. इसलिए यह मोटापे से परेशान लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. 

*कैसे करते हैं  चौलाई का इस्तेमाल--*

भारत में चौलाई का इस्तेमाल साग के रूप में किया जाता है. इसके अलावा चौलाई के जूस को भी लोग खूब पसंद करते हैं.

चौलाई (chaulai plant) भारत में सभी जगह पाया जाता है। प्रायः गर्म प्रदेशों में चौलाई की खेती की जाती है। इसकी कई प्रजातियां होती है जिनका प्रयोग सब्जी या साग के लिए या फिर चिकित्सा (cholai ka saag benefits) के लिए किया जाता है।

इस आलेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. हम इसकी पुष्टि नहीं करते.


*डाॅ.रवि नंदन मिश्र*

*असी. प्रोफेसर एवं कार्यक्रम अधिकारी*

*राष्ट्रीय सेवा योजना*

( *पं.रा.प्र.चौ.पी.जी.काॅलेज, वाराणसी*) 

*सदस्य- 1.अखिल भारतीय ब्राम्हण एकता परिषद, वाराणसी,*

*2. भास्कर समिति, भोजपुर, आरा*

*3.अखंड शाकद्वीपीय  एवं*

*4. उत्तरप्रदेशअध्यक्ष-वीर ब्राह्मण महासंगठन, हरियाणा*


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