योग एवं प्राणायाम है स्वस्थ जीवन का आधार : डॉ0 गणेश पाठक (पर्यावरणविद्)






अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दूबेछपरा में आयोजित हुई वेब संगोष्ठी 

बलिया। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दुबेछपरा, बलिया में एक 'वेब संगोष्ठी'  का आयोजन किया गया, जिसमे महाविद्यालय के प्राचार्य, प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया। विषय प्रवर्त्तन एवं संचालन करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी श्री संजय मिश्र ने संगोष्ठी आयोजन के  कारण और उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। 

संगोष्ठी के मुख्य वक्ता महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य एवं प्रखर पर्यावरण विद डॉ. गणेश कुमार पाठक रहे। इन्होंने अपने उदबोधन में योग दिवस 21 जून को ही क्यों मनाते हैं, का कारण, थीम तथा इसके वर्षानुवर्ष चलने पर विस्तार से प्रकाश डाला। योग के बहुआयामी लाभ पर जोर देते हुए इन्होंने सभी विद्यार्थियों से अपनाने की अपील की। राजनीति विज्ञान के अस्सिटेंट प्रोफ़ेसर डॉ. शिवेश राय ने कहा कि योग भारतीय मनीषा की धरोहर है। आज के कोविड  संक्रमण के दौर में इसकी प्रासंगिकता और भी बढ़ गयी है तथा यह लाखों लोगों के जीवन को बचाने का आधार बना है। 

भूगोल के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शैलेन्द्र कुमार रॉय योग के बहुविध लाभ को स्वाध्याय से जोड़कर विद्यार्थियों के लिए उपयोगी बताया। डॉ.सुनील कुमार ओझा, असिस्टेंट प्रोफेसर भूगोल ने कहा कि जब कोरोना की कोई दवा नही बनी थी तब योग ही जीवन रक्षा की औषधि का कार्य किया। इन्होंने इसे विद्यार्थियों के 'विल पावर' से जोड़ते हुए अपनाने की अपील की। 

डॉ. ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह ने संस्कृत के श्लोक द्वारा योग की महत्ता प्रतिपादित करते हुए आज की बिगड़ी हुई जीवनशैली में प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम आधे घंटे योग करने की बात कही। डॉ.सिद्धार्थ कुमार ने कहा कि आज के दौर में मनुष्य विभिन्न मानसिक रोग, अवसाद और बिखराव के स्थिति में पहुँच गया है। योग ही एक मात्र उपाय है जिससे मन- मष्तिष्क और शरीर में एकत्व स्थापित हो सकता है।आभार ज्ञापन डॉ. शैलेंद्र कुमार रॉय ने किया।अंत मे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ गौरी शंकर द्विवेदी ने अपने प्रेरक उद्बोधन में योग दिवस मनाने की पृष्ठभूमि इसमें विभिन्न योगाचार्यों के योगदान पर चर्चा की साथ ही विद्यार्थियों को आशीर्वचन प्रदान करते हुए सभी को योग से जुड़ने की अपील की। इस अवसर पर डॉ.राजू सिंह, डॉ. ऋषि विवेक धर, श्री गोपाल पांडेय, श्री अजित यादव इत्यादि उपस्थित रहे।



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