तड़प रहे थे मरीज, शख़्स ने की ऑक्सीजन की व्यवस्था तो यूपी पुलिस ने कर दी एफआईआर


जिला अस्पताल के चीफ मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ अनिल शर्मा का कहना है कि विक्की अस्पताल में वीडियो बना रहा था और प्रशासन और अस्पताल पर आरोप लगा रहा था।

पैंतीस साल के विक्की अग्रहरि के खिलाफ जौनपुर प्रशासन ने एफआइआर लिखा दी है। विक्की का कहना है कि वह सरकारी अस्पताल के बाहर पड़े मरीजों को ऑक्सीजन दे रहा था। प्रशासन का कहना है कि वह राज्य सरकार और प्रशासन पर झूठे और अपमानकारी आरोप लगा रहा था। प्रशासन ने विक्की के ऊपर कई धाराएं लगाई हैं। जिलाधिकारी ने कहा है कि मामले की जांच हो रही है।

पहले विक्की की बात। जौनपुर में कई साल से एम्बुलेंस चला रहे विक्की का कहना है कि गुरुवार को वह एक मरीज को अपनी एम्बुलेंस से सरकारी अस्पताल लाया था। यह आदमी एक प्राइवेट अस्पताल में था। हालत बिगड़ी तो डाक्टरों ने उसे सरकारी अस्पाल ले जाने को कहा। सो, उस मरीज को विक्की सरकारी अस्पताल लाया। विक्की के अनुसार जब अस्पताल ने बेड और ऑक्सीजन न होने की बात कह कर हाथ खड़े कर दिए तो उसने मरीज को अस्पताल के बाहर लिटा दिया।

उसकी हालत अच्छी नहीं थी। सो, वह एम्बुलेंस में रखा सिलिंडर ले आया और मरीज को ऑक्सीजन देने लगा। अस्पताल के बाहर और भी मरीज पड़े थे। उन लोगों ने भी विक्की से ऑक्सीजन लगाने की रिक्वेस्ट की तो उसने उनके लिए भी सिलिंडर मंगवा दिए। विक्की 2004 से एम्बुलेंस चला रहा है। वह पहले एक डाक्टर के पास कम्पाउंडरी भी कर चुका है। इस नाते ऑक्सीजन देने की पूरी जानकारी रखता है।

विक्की कहता है कि साढ़े तीन बजे के लगभग एक वरिष्ठ अधिकारी अस्पताल आए तो बाहर पड़े सभी मरीजों को भर्ती कर लिया गया। एंबुलेंस ड्राइवर कहता है कि वह किसी एनजीओ से नहीं जुड़ा। उसने तमाम बातों का वीडियो भी नहीं बनाया है।यह रही विक्की का पक्ष। यह पूछने पर कि तुम पर एफआइआर क्यों करा दी गई, उसने बताया कि उसके पास अस्पताल का एक कर्मचारी सिलिंडर मांगने आया था। मना कर दिया तो केस दायर कर दिया।

दूसरी ओर जिला अस्पताल के चीफ मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ अनिल शर्मा का कहना है कि विक्की अस्पताल में वीडियो बना रहा था और प्रशासन और अस्पताल पर आरोप लगा रहा था। उनका कहना है कि विक्की ने बाद में अपना वीडियो एक वॉट्सैप ग्रुप में अपलोड भी किया। प्रशासन ने विक्की पर धारा 188 और 269 भी लगाई हैं।




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