शाकाहारी भोजन करने वालों को हो सकती है विटामिन बी की कमी, जानें इसके लक्षण


Vitamin-B Deficiency Symptoms : विटामिन-बी9: इसे फोलेट के नाम से जाना जाता है जो रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन और गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद है

Vitamin-B Deficiency : स्वस्थ शरीर के लिए बॉडी में सभी पोषक तत्वों का होना जरूरी है। सारे विटामिन्स एक साथ मिलकर शरीर को हेल्दी बनाने में मददगार हैं। विटामिन बी भी इन्हीं में से एक है जो कई विटामिनों का समूह है। ब्लड से लेकर चयापचय जैसी कई बॉडी फंक्शन को बेहतर करने में ये जरूरी है। लेकिन इसकी कमी से कई स्वास्थ्य परेशानियां हो सकती हैं। हालांकि, इसकी कमी के लक्षण को पहचानने के लिए ये जानना होगा कि आपको किस विटामिन की कमी है, आइए जानते हैं विस्तार से –

विटामिन-बी12 : कोबालामिन के नाम से जाना जाने वाला विटामिन बी12 रेड ब्लड सेल्स को बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही, नर्वस सिस्टम के फंक्शन को भी बेहतर करता है। इसकी कमी के कुछ आम लक्षण हैं – रोज 8 घंटे सोने के बावजूद थकान होना, भूल जाना, कब्ज, अवसाद, लगातार कमजोरी महसूस करना, वजन में अचानक गिरावट, जीभ में छाले।

विटामिन-बी6 : विटामिन बी6 का कॉमन नाम पायराडॉक्सीन है। शरीर के इम्युन सिस्टम को मजबूत करने और खाद्य पदार्थों को ऊर्जा में तब्दील करने में मददगार होता है ये विटामिन। इसकी कमी से स्किन इंफेक्शन, दूसरे संक्रमण का खतरा, एनीमिया और अवसाद की परेशानी हो जाती है।

विटामिन-बी1 : विटामिन-बी1 का आम नाम थायामिन है जो शरीर के न्यूरोलॉजिकल विकास के लिए जरूरी है। इसकी कमी से बेरीबेरी बीमारी हो जाती है। लोगों का रिफ्लेक्स सिस्टम खराब हो जाता है, थकान, धुंधलापन, मांसपेशियों का कमजोर होना, झुंझलाहट और कमजोर याद्दाश्त भी इसके लक्षण होते हैं।

विटामिन-बी2 : इसे रिबोफ्लेविन कहा जाता है जो नजरों और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार है। इसकी कमी से मुंह में छाले, सूखे होंठ, एनीमिया और आंखें रोशनी में अति संवेदनशील हो जाती है।

विटामिन-बी3 : विटामिन बी-3 को आम भाषा में नियासिन कहा जाता है जो बेहतर पाचन के लिए जरूरी है। इसकी कमी से पाचन संबंधी दिक्कतें, पेट दर्द, उल्टी और चिड़चिड़ाहट हो सकती है।

विटामिन-बी9 : इसे फोलेट के नाम से जाना जाता है जो रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन और गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद है। इसकी कमी से थकान, सांस लेने में दिक्कत, हार्ट पाल्पिटेशन, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी और चिड़चिड़ाहट हो सकती है।



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