एम्स चीफ बोले- कड़े लॉकडाउन की जरूरत

एम्स प्रमुख रणदीप गुलेरिया का कहना है कि देश की स्वास्थ्य व्यवस्था जितना कर सकती थी। इस समय कर रही है और देश को इस वक्त एक कड़े लॉकडाउन की जरूरत है। जैसे कि पिछले साल मार्च में लगाया गया था। COVID-19 की दूसरी लहर पर काबू पाने के लिए ऐसा करना होगा। डॉ गुलेरिया ने कहा, ” हमें वायरस को रोकने के लिए आक्रामक होना चाहिए … हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर और वर्कर्स अपनी सीमा से अधिक काम कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा,”ऐसा क्यों हो रहा है? लगातार बढ़ रहे मामलों की वजह से … हमें इस संख्या को नीचे लाने के लिए आक्रामक तरीके से काम करना होगा। दुनिया में कोई भी स्वास्थ्य प्रणाली इस तरह के भार का प्रबंधन नहीं कर सकती है। आक्रामक नियंत्रण या लॉकडाउन का जो भी हो। यही समाधान है। ” बता दें कि यह दूसरी बार है जब डॉ गुलेरिया ने सख्त लॉकडाउन की मांग की है। एम्स प्रमुख ने कहा, “हमें लग रहा था कि वैक्सीन आ गई है और मामले कम हो रहे हैं … सोचा कि कोविड खत्म हो गया है। इसलिए, बहुत से लोगों ने कोविड प्रोटोकॉल को नजरअंदाज कर दिया … कोरोना जंगल की आग की तरह फैल रहा है।’

उन्होंने कहा कि हर दिन नए मामलों की बाढ़ का मतलब है कि अस्पतालों में बेड की कमी। नए रोगियों को भर्ती नहीं किया जा रहा है, और डॉक्टरों के पास हर मरीज के इलाज के लिए कम समय है।

इस बीच अमेरिका का कहना है कि भारत में COVID-19 संकट वास्तव में बहुत गंभीर है, बाइडेन प्रशासन ने कहा कि भारत में कोरोना के मामले अभी पीक तक नहीं पहुंचे हैं।

विदेश विभाग के समन्वयक गेल ई स्मिथ ने कहा, “मुझे डर है कि वायरस से भारत में संकट वास्तव में बहुत गंभीर है। भारत में लगभग हर दिन मामलों की संख्या बढ़ रही है। संकट अभी तक पीक तक नहीं पहुंचा है।”

उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यह कुछ ऐसा है जिस पर कुछ समय के लिए तत्काल और लगातार ध्यान देने की आवश्यकता है। यही कारण है कि हम तत्काल ऑक्सीजन की आपूर्ति, सुरक्षात्मक चिकित्सा गियर, वैक्सीन विनिर्माण आपूर्ति, रोजाना टेस्टिंग और अन्य चीजों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इन हालात के लिए यह बहुत जरूरी है। ”

साभार- जनसत्ता



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