क्या है सफेद फंगस और कितना है ये खतरनाक, डॉक्टर्स से जानें इससे जुड़े कई अहम सवालों के सही जवाब


पूरे देश में महामारी की तरह फैल रहे ब्लैग फंगस के बाद अब व्हाइट यानी सफेद फंगस ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। सोशल मीडिया पर इससे जुड़ी कई डरावनी खबरें फैल रही हैं। सफेद फंगस पर फैल रहे भ्रम को दूर करने के लिए हमने दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में ईएनजी सर्जन डॉक्टर मनीष मुंजाल से लंबी बातचीत की। आइए जानते हैं सफेद फंगस को लेकर फैल रहे ऐसे ही कुछ भ्रम और उनसे जुड़े सही जवाब। 

क्या है सफेद फंगस और कितना खतरनाक है 

डॉ मुंजाल ने बताया कि व्हाइट फंगस मुख्य रूप से इम्युनोकॉम्प्रोमाइज्ड यानी ऐसे लोगों को प्रभावत कर रहा है जिनकी प्रतिरोधक क्षमता घट गई है। इससे डरने के बजाय एतिहात बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि व्हाइट फंगस (एस्परगिलोसिस) ब्लैग फंगस जितना खतरनाक नहीं है। ब्लैक फंगस का हमला जहां शरीर के आंतरिक हिस्सों पर है वहीं व्हाइट फंगस शरीर के बाहरी भाग पर होता है। इस संक्रमण का घर रहते इलाज किया जा सकता है। ऐसे बहुत कम मामले हैं जिसमें अस्पताल जाने की जरूरत पड़ी है। ब्लैक फंगस में सर्जरी आदि की जरूरत पड़ती है जबकि व्हाइट फंगस डॉक्टर की सलाह मात्र से दवाएं आदि लेकर ठीक की जा सकती है। 

क्या इससे मौत हो सकती है 

डॉ मुंजाल ने कहा कि व्हाइट फंगस से मृत्यु का खतरा बहुत कम है जबकि ब्लैक फंगल के मामले में 20 से 80 प्रतिशत मृत्युदर दर्ज की गई है। जहां तक व्हाइट फंगस की बात है तो इस बात की संभावना बहुत कम है कि यह संक्रमण खून तक पहुंचे। यह तभी हो सकता है जब संक्रमित व्यक्ति को पहले से ही कोई घातक बीमारी हो या फिर वह वेंटिलेटर आदि पर हो। इसके अलावा ज्यादा स्टेरॉयड लेने वालों के लिए भी यह घातक हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह तेजी से नहीं फैलता इसलिए इसका इलाज करना सरल है।

किन लोगों को इससे सबसे ज्यादा खतरा है

वैसे तो यह किसी को भी हो सकता है लेकिन नवजात शिशु में इसके होने का जोखिम ज्यादा है। यह बच्चों में दूध की निप्पल और डायपर के गीलेपन की वजह से ज्यादा होता है। हमें इसपर ध्यान देने की जरूरत है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि यह आइसोलेशन के कारण उन बुजुर्ग लोगों में भी देखा गया है जो साफ सफाई का ख्याल नहीं रखते और समय पर कपड़े आदि नहीं बदलते। डायबिटीज और कैंसर के मरीजों को भी यह जल्दी अपनी गिरफ्त में लेता है। 

किस तरह के लक्षणों पर गौर करना चाहिए 

यह फंगस तंग और नम जगहों पर तेजी से फैलता है इसलिए यह जरूरी है कि अपने आसपास नियमित सफाई रखें, रोजाना स्नान करें, कपड़े बदलें। धूप का और ताजे भोजन का सेवन करें। व्हाइट फंगस के लक्षणों और पहचान के बारे में डॉ मुंजाल ने कहा कि व्हाइट फंगस के संक्रमण में शरीर पर, जीभ पर या मुंह में सफेद चकते पड़ जाते हैं। हमें समय-समय पर इसका निरीक्षण करते रहना चाहिए। अगर कुछ भी ऐसा दिखाई पड़ता है तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अपनी मर्जी से दवा आदि नहीं लेनी चाहिए।

साभार- हिन्दूस्तान




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