आज का समय कुछ ऐसा है, जहां पर कोई भी बिना स्वार्थ के किसी का मदद नहीं करना चाहते हैं। यदि कोई किसी की मदद कर रहा है, तो वहां उसका कोई ना कोई स्वार्थ छुपा रहता है। आज के समय में सभी लोग स्वार्थी हो चुके हैं। सभी अपने मतलब के बारे में पहले सोचते हैं, फिर दूसरों के बारे में, चाहे उसमें किसी की जान भी क्यों न चली जाए। लेकिन आज भी कुछ ऐसे लोग हैं, जो भगवान के दूत के रूप में धरती पर जन्म लेते हैं और वह जरूरत के समय दूसरों की मदद के लिए खड़े होते हैं।
पथरी की थी शिकायत
आज हम आपको ऐसी चौका देने वाली सच्ची घटना के बारे में बताने जा रहे हैं, जो वाकई प्रशंसापूर्ण है। पारूल का भाई ऐसा काम करने वाला है, जिसे करने से पहले हर लोग पहले सोचेंगे कि उसे वह करें या नहीं । हम आपको बताने जा रहे हैं आदमपुर के ढबार्शी गांव के बारे में। ढबार्शी गांव में राजीव अग्रवाल की पत्नी पारुल अग्रवाल है, जो कि 37 वर्ष की है। पारुल गांव की प्रधान भी है। पारूल के घरवालों के अनुसार पारूल को पथरी की शिकायत हुई थी।
उस पथरी को हटाने के लिए पारूल का ऑपरेशन हुआ। देखा जाए तो पारुल के ऑपरेशन के बाद उनके दर्द की शिकायत नहीं होनी चाहिए थी लेकिन धीरे-धीरे पारुल की तबीयत और खराब होने लगी। अब एक नई समस्या उनके जीवन में घर कर गई।
लगातार गिरने लगा स्वास्थ
दर्द लगातार बढ़ते जाने के बाद उन्होंने एक बार फिर चेकअप करवाने का सोचा। ऑपरेशन के बाद लगातार पारूल का स्वास्थ्य खराब रहने पर पारूल का फिर से चेकअप हुआ, तो पता चला कि पारुल एक नई बीमारी हर्निया के शिकार हो चुकी है। पारूल के सभी घरवाले काफी परेशान हो चुके थे क्योंकि उसका पहले एक और ऑपरेशन हो चुका है और किसे पता था कि पारूल इस ऑपरेशन के बाद ठीक नहीं होगी बल्कि एक और नई बीमारी की शिकार हो जाएगी और उनके घर वालों के सामने एक और नई समस्या खड़ी हो जाएगी।
भाई ने निभाया राखी का वचन, बचाई बहन की जान
अब पारूल की एक किडनी भी खराब हो चुकी थी और ऑपरेशन का मसला फिर एक बार सामने आ खड़ा हुआ।यहां पर भगवान का वह दूत पारूल का भाई अपनी एक किडनी देकर अपनी राखी का वचन को पूरा करते हुए अपनी बहन की जान बचाता है। 2017 में पारूल का यह ऑपरेशन मेरठ में हुआ।
साभार-true news
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