रायपुर/गरियाबंद। प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर के तांडव के चलते कई लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी है। कोरोना की चपेट में आने से कई लोग अनाथ भी हो गए है। वहीं कोरोना ने छत्तीसगढ़ के महिला तहसीलदार की जिंदगी छील ली। जानकारी के अनुसार करिश्मा वर्मा अभी तीन महीने ही गरियाबंद तहसीलदार के रूप में ज्वाइन किया था, इससे पहले वो जगदलपुर में पदस्थ थी। 2013 बैच की अफसर है। वे 25 दिन पहले कोरोना पॉजिटिव मिली थी।
करिश्मा वर्मा के साथ उनके आईएएस पति चंद्रकांत वर्मा भी पॉजिटिव हुए थे, हालांकि कुछ ही दिन में गरियाबंद जिला पंचायत सीईओ चंद्रकांत वर्मा कोरोना से स्वस्थ्य हो गए, लेकिन तहसीलदार करिश्मा वर्मा की तबीयत बिगड़ गई। 6 मई को उन्हें रायपुर के एम्स में भर्ती कराया गया।
बताया जा रहा है कि करिश्मा गर्भवती थी, लिहाजा उन्हें कोरोना वैक्सीन भी नहीं लगा था। एम्स में उनकी तबीयत में लगातार उतार-चढ़ाव होता रहा। हालांकि बीच में वो स्वस्थ्य भी हो गई थी। अस्पताल में रहते करीब एक सप्ताह पहले ही उनकी रिपोर्ट निगेटिव भी आई थी, लेकिन बाद में वो फिर से पॉजिटिव हो गए। पिछले पांच दिनों से उनकी स्थिति काफी क्रिटिकल हो गई थी। आईएएस चंद्रकांत वर्मा और करिश्मा वर्मा का 2 साल का छोटा बेटा शिवाय है। फरवरी में ही उसका दूसरा बर्थडे मनाया था।
ऐसे बिगड़ती गई हालात
करिश्मा वर्मा की तबीयत पर निगरानी के लिए एम्स में डाक्टरों की एक टीम भी तैयार की गई थी, गर्भवती होने की वजह से उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ती चली गयी, हालांकि उनकी जान बचाने के लिए आबर्सन भी किया गया था, लेकिन उसके बाद उनकी तबीयत और बिगड़ गई। तीन दिन से उनका आक्सीजन लेवल काफी डाउन चला गया था, साथ ही उनका बीपी भी काफी लो हो गया। हालांकि एयर एंबुलेंस से उन्हें बाहर ले जाने की भी बात कही जा रही थी, लेकिन स्थिति बेहद गंभीर हो जाने की वजह से उन्हें दूसरी जगह नहीं ले जाया जा सका।
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