जब हमारे समाज में कोई व्यक्ति शाम के समय में गुजर जाता है तो हम मृत्यु शरीर का अंतिम संस्कार रात के समय में नहीं करते हैं और अपने अपने समाज में जब इस तरह की हालात आती है तो आपने देखा होगा कि कई लोग मृतक शरीर का पहरेदार की तरह देखरेख करते हैं आखिर ऐसा क्यों किया जाता है चलिए हम लोग आज जानते हैं।
कहा जाता है कि, जब भी कोई व्यक्ति शाम के समय में मर जाता है तो उसकी मृतक शरीर का अंतिम संस्कार के लिए रात के समय में श्मशान घाट में मृतक शरीर को हम नहीं ले सकते हैं।
बरसों से चलती आ रही है कि जब कोई व्यक्ति रात के समय में या शाम के समय में मर जाता है तो उसकी मृतक शरीर की सिर की ओर अगरबत्ती जला कर रात भर पहरेदार की तरह मृतक व्यक्ति का देखरेख किया जाता है।
रात भर मृतक शरीर का इसलिए देखरेख किया जाता है कि मृतक शरीर से तो उस इंसान का आत्मा तो बाहर निकल गया है लेकिन अगर मृतक शरीर को अकेले छोड़ दिया जाए तो शायद बुरी आत्मा मृतक शरीर में प्रवेश कर सकती हैं और कई लोगों को परेशानी में दे सकते हैं।
साभार- Khabar 24x7
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