यरूशलम। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस ने कहर मचा रखा है। वहीं इजराइल ने कोरोना को मात देने का ऐलान कर दिया है। इजरायल का दावा है कि देश में पहले की तरह सबकुल सामान्य हो चुका है। स्कूल और कॉलेज खोल दिए गए हैं वहीं सार्वजनिक स्थानों पर भी मास्क की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। इजराइल के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार सफल टीकाकरण के कारण मरीजों की संख्या काफी कम रह गई है। ऐसे में आगे नागरिकों के लिए प्रतिबंधों को और कम करने पर चर्चा की जा रही है। प्रतिबंधों की कमी की शुरुआत घर के बाहर मास्क पहनने की जरूरत को खत्म कर दिया गया है। कोरोना को कैसे दी मात-
इजरायल में घर के बाहर मास्क पहनने के नियम को रविवार से हटा दिया गया। स्वास्थ्य मंत्री यूली एडेलस्टीन ने गुरुवार को इसकी घोषणा की। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एडेलस्टीन ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि उन्होंने प्रतिबंध को रद्द करने के आदेश पर हस्ताक्षर करने का निर्देश दिया है।
हगिट फिलो जो ऑडिट पार्टनर हैं उन्होंने कहा कि इजरायल ने एक एप बनाया, उस एप से उन्होंने अपना क्लिनिक में टीके के लिए एक अपॉइंटमेंट बुक किया। उसके चुनने के बाद स्थान और समय की पुष्टि हो गई। इसके बाद वे क्लीनिक गई, वहां दरवाजे पर उन्होंने स्वास्थ्य कार्ड को स्कैन किया। उन्हें टीका प्राप्त हुआ। कोई वेटिंग लाइन नहीं थी। इससे ये देखने को मिला कि कोरोना वायरस को लेकर लोगों ने जागरुकता दिखाई और टीकाकरण अभियान को सफल बना दिया। उन्होंने बताया कि एक बार जब टीका लगाया गया, टीकाकरण आईडी डिजिटल रूप से एक विशेष एप में लोड हो गई। इसे हम "ग्रीन पास" प्राप्त करने के लिए उपयोग करते हैं।
ग्रीन पीस से हुआ काफी फायदा
इस ग्रीन पास का उपयोग सिनेमाघरों या सांस्कृतिक कार्यक्रमों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर शामिल होने के लिए टीकाकरण के प्रमाण के रूप में उपयोग किया जा रहा है। वे किसी भी समय अपने फोन का उपयोग करके दिखा सकते हैं। इसलिए कागजी प्रमाण पत्र या कार्ड के साथ जाने की कोई जरूरत नहीं रह गई। उन्हें विश्वास है कि वे सुरक्षित हैं।
डिजिटल माध्यम का सहारा लिया
इस्राइल में लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए डिजिटल माध्यम का सहारा ले रहे हैं। लोग एप के जरिए अपॉइंटमेंट बुक कर रहे हैं। शर्तों के बारे में प्रश्न पूछ सकते हैं। प्रत्येक नागरिक के लिए पूर्ण डिजिटल रिकॉर्ड है, स्वास्थ्य रखरखाव संगठन और स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के लिए सुलभ है। इस सेवा प्रणाली को लोगों के लिए काफी आसान बनाया है।
गौरतलब है कि इजरायल ने देश में महामारी की शुरूआत के एक महीने बाद ही अप्रैल 2020 की शुरूआत में घर के बाहर फेस मास्क पहनने को अनिवार्य कर दिया था। फेस मास्क न पहनने पर भारी जुर्माने का प्रावधान था। पहली बार जुर्माना 200 शेकेल लगाया गया था। इसे जुलाई 2020 में बढ़ाकर 500 शेकेल करा गया था।
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