गोण्डा। जिले के लिए बीती मंगलवार की रात जनपदवासियों के लिए कयामत की रात बन गयी, एक ही रात में करीब दो दर्जन से अधिक मौतों की सूचना प्राप्त हुई है जिनमे 14 मौते अकेले जिला अस्पताल में ही हुई है जबकि 2 अन्य निजी चिकित्सालय में हुई मौतों को जोड़ कर देखे तो एक में 4 व दूसरे में 9 मौतें हुई है। हालांकि इनमे से सिर्फ एक मौत की पुष्टि कोरोना के रूप में की गयी है जो की कोविद हॉस्पिटल में हुई।
एक ही रात में 27 मौतों से जिले में हाहाकार मच गया। जिला अस्पताल में घंटो अफरातफरी का माहौल बना रहा। आलम यह रहा कि लाशों को ले जाने के लिए घंटो परिजन परेशान रहे। बहुत से परिजन शव वाहन न मिलने की वजह से प्राइवेट वाहनों के द्वारा अपनो की लाश घर ले जाने को विवश थे। जिला अस्पताल का मंजर दिल दहला देने वाला था जहाँ मृतकों के परिजनों की चीख पुकार से अस्पताल लरज रहा था।
मृतकों के मौत का कारण अधिकतर में सांस लेने में परेशानी व फेफड़ों में संक्रमण बताया जा रहा है। अस्पताल सूत्रों की माने तो बीते कल रात्रि के समय करीब साढ़े चार बजे अचानक पाइप लाइनों से सप्लाई की जा रही ऑक्सीजन गैस खत्म हो गयी, बैकअप के लिए सिलिंडरों को लगाया लेकिन वह भी खत्म हो गए। वही दूसरी ओर अस्पताल प्रशासन एक दिन पहले ही ऑक्सीजन की सप्लाई को सुचारू बनाये रखने के लिए आपूर्ति की मांग कर चुका था। लेकिन बाराबंकी से सिलेंडर आते आते सुबह हो गयी। तब तक कई मरीजो के प्राण पखेरु उड़ चुके थे।
इस संबंध में प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर घनश्याम सिंह ने घटना से इनकार करते हुए कहा है कि सिलेंडर पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हो चुके है। उन्होंने बताया कि कुछ परेशानी जरूर हुई थी लेकिन अभी कोई कमी नही है।
यदि प्रमुख अधीक्षक की बात सही माने तो भर्ती मरीजों का कथन इसके विपरीत क्यों है। वे मरीज जो अभी भी भर्ती है का कहना है कि रात को ऑक्सीजन खत्म हो गया था जिसके कारण कई लोगों की मृत्यु हो गयी।
यदि मृतकों की मौत का कारण जाना चाहा गया तो, फार्मासिस्ट ने 10 नम्बर रजिस्टर पर अंकित सूचना यह कह कर देने से इनकार किया कि एस आई सी ने कहा है कि मुझसे पूछे बिना किसी को कोई सूचना न दी जाए।
इस बारे में भी एस आई सी से कहा गया तो उन्होंने कहा कि मैंने मना नही किया है। मैं अभी डीएम साहेब के पास इम्पोर्टेन्ट मीटिंग से जा रहा हूँ। मैं फार्मसिस्ट को सूचना के लिए बोल दूंगा।
सूत्र तो यह भी बताते है कि ऑक्सीजन की कमी के चलते ही जिलाधिकारी ने प्रमुख अधीक्षक को आनन फानन में अपने पास बुलाया था कि आखिर यह सब क्या चल रहा है।
जिले में जो भी मौते हुई हैं उनमें अधिकतर लोग सांस लेने में परेशानी या फेफड़ो के सक्रमण से ग्रसित थे जिन्हें ऑक्सीजन की सख्त जरूरत थी अचानक ऑक्सीजन खत्म होने से लोगो का दम घुट गया।
वैसे अस्पताल प्रशासन इसे सिरे से ही इनकार कर रहा है।लेकिन सांस लेने में परेशानी के भर्ती मरीजों की एक साथ मौत एक ही दिन में कुछ अलग ही कहानी बयां कर रही है।जिलाधिकारी को चाहिए कि वह इसकी जांच करा कर जिममेदारों के खिलाफ सख्त कदम उठाए।
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