अगर आप बैंक के कर्जदार हैं तो नहीं लड़ सकेंगे पंचायत चुनाव

लखनऊ। अगर आप इस बार पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं तो आपके लिए पंचायत चुनाव से जुड़ी अच्छी खबर है। अगर आप सहकारी बैंक व समितियों के कर्जदार है और पंचायत चुनाव लड़ना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले सहकारी बैंक व समितियों का कर्ज चुकाना अनिवार्य होगा, नहीं तो आप पंचायत चुनाव में दावेदारी नहीं कर पाएंगे। सहकारी बैंक व समितियों के आप कर्जदार नहीं हैं तो आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। आप आसानी से पंचायत चुनाव लड़ सकेंगे।

इस बार पंचायत चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों को नामांकन के समय सहकारी बैंक और समितियों से जारी नोड्यूज प्रमाण-पत्र भी अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। अगर आप नामांकन के समय सहकारी बैंक और समितियों से जारी नोड्यूज प्रमाण-पत्र जमा कर पाते है तो आपको पंचायत चुनाव लड़ने से वंचित किया जा सकता है।

उत्तर प्रदेश में भावी उम्मीदवारों की पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। शासन-प्रशासन ने चुनाव को लेकर गाइडलाइन जारी की है। सहकारी बैंक और समितियों के कर्जदारों पर प्रशासन की नजर टेढ़ी हो गई है। संतोषजनक बकाया वसूली नहीं होने पर डीएम ने अधिकारियों को पत्र जारी किए हैं। निर्देश दिए हैं कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में नामांकन करने वाले प्रत्याशियों से सहकारी बैंक और समितियों के नोड्यूज सर्टिफिकेट अनिवार्य रूप से लिए जाएं।

दरअसल यूपी में बड़ी संख्या में किसान सहकारी बैंक की शाखाओं और इनकी वित्त पोषित सहकारी समितियों से कर्ज लेते हैं। कुछ किसान खाद-बीज उधार उठाते हैं। इस धनराशि को सालों तक किसान जमा नहीं करते। कुछ किसानों को उम्मीद रहती है कि यह कर्ज माफ हो जाएगा। प्रदेश के हर जिले में ऐसे किसानों पर बैंक और समितियों का 33.63 करोड़ रुपए बकाया है। बैंक शाखाओं से वितरित ऋण की वसूली समय से नहीं हो पा रही है। अधिकारियों से कहा गया है कि जल्द ही पंचायत चुनाव होने हैं। बड़ी संख्या में सहकारी बैंक और समितयों के कर्जदारों के चुनाव लड़ने की संभावना है। ऐसे में प्रत्याशियों से नामांकन के समय सहकारी बैंक और समितियों से जारी नोड्यूज प्रमाण-पत्र अवश्य लिया जाए।




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