लखनऊ। ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अधिकांश आवेदक टेस्ट में फेल हो रहे हैं। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक कानपुर के पनकी में सेंसर युक्त ट्रैक बनाया गया है, जो प्रदेश का पहला सेंसर युक्त ट्रैक है। यहां अधिकांश आवेदनकर्ता वाहन चलाने में असफल हो रहे हैं। इसलिए अब तय किया गया है कि स्थाई ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट देने वाले लोगों को पहले वाहन चलाने का ट्रायल का मौका दिया जाएगा, जिससे वे वाहन चलाकर अपना आत्मविश्वास बढ़ा सकें। उसके बाद उनका टेस्ट लिया जाएगा। जिससे आवेदक टेस्ट में सफल हो सकें।
ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट को पारदर्शी बनाने के लिए पनकी में ऑटोमेटिक टेस्टिंग ड्राइविंग ट्रैक तैयार किया गया है। इस ट्रैक पर सेंसर लगे हैं। यहां अंग्रेजी 8 के आकार में ट्रैक बना है, जिस पर आवेदकों को वाहन चलाकर दिखाना होता है। रिवर्स पार्किंग में अंग्रेजी अक्षर एच बनाकर दिखाना होता था। कठिन टेस्ट अधिकांश आवेदन पास नहीं कर पा रहे हैं। यहां तक कि ट्रैक पर फेल होने के डर से काफी लोग टेस्ट देने भी नहीं पहुंच रहे हैं। बताया गया कि दिसंबर से अब तक चालीस फीसदी लोग ही टेस्ट में सफल हुए हैं।
बोले- टेस्टिंग ट्रैक प्रभारी
ऑटोमैटिक टेस्टिंग ट्रैक प्रभारी अतुल दीक्षित ने बताया कि ऑटोमेटिक टेस्टिंग ड्राइविंग ट्रैक पर पहली बार टेस्ट देने आ रहे आवेदकों का आत्मविश्वास बढ़े तथा ट्रैक का डर निकले, इसके लिए उनको ट्रायल का मौका दिया जाएगा।
0 Comments