1980 में बानो बेगम पाकिस्तान से आगरा आई थीं. इसके बाद वो एटा आईं और यहीं पर एक शख्स से निकाह कर रहने लगीं. बानो बेगम तब से अपनी लंबी अवधि की वीजा का लगातार विस्तार करवा रही थीं.
उत्तर प्रदेश के जनपद एटा में पूरे चार साल तक प्रशासन की आंखों में धूल झोंक कर प्रधान बनी महिला बानो बेगम को रविवार को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. 1980 में बानो बेगम पाकिस्तान से आगरा आई थीं. इसके बाद वो एटा आईं और यहीं पर एक शख्स से निकाह कर रहने लगीं.
बानो बेगम तब से अपनी लंबी अवधि की वीजा का लगातार विस्तार करवा रही थीं और यहां रह रही थीं. कुछ ही दिन पहले गांव के बीडीसी सदस्य ने इस पाकिस्तानी महिला की शिकायत प्रशासन से की थी तब इस पूरे मामले से झूठ का पर्दा हटा था.
पुलिस के अनुसार एटा जनपद की जलेसर तहसील के ग्राम गुदाऊ में पाकिस्तानी नागरिक बानो बेगम जनवरी 2020 में कार्यवाहक ग्राम प्रधान बनी थीं. दरअसल जनवरी 2020 में ही ग्राम प्रधान शाहनाज बेगम की मौत हुई थी. इसके बाद बानो बेगम को गांव का कार्यवाहक प्रधान चुना गया था. इससे पहले 2015 में वो गुदाऊ की ग्राम पंचायत सदस्य चुनी गई थीं.
10 दिसंबर को गांव के ही कुवेदान खान ने इस मामले की शिकायत प्रशासन से की थी. इसके बाद बानो बेगम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
एटा प्रशासन इस मामले की उस समय से ही जांच कर रही थी. बता दें कि बानो बेगम ने जालसाजी करके वोटर कार्ड, आधार कार्ड आदि दस्तावेज बनवा लिए थे और सभी सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा रही थीं. यही नहीं वह मौका देखकर कार्यवाहक प्रधान के पद तक पहुंच गई थीं.
इस घटना के खुलासे के बाद एटा के जिला पंचायती राज अधिकारी आलोक प्रियदर्शी ने ग्राम पंचायत सेक्रेटरी ध्यानपाल सिंह को एफआईआर कराने के आदेश दिए थे.
प्रशासन ने कहा है कि बानो बेगम का आधार कार्ड, वोटर कार्ड जैसे दस्तावेज तैयार करवाने वालों पर भी एक्शन लिया जाएगा.
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