चाणक्य नीति : इन 5 को गलती से भी न लगाएं पैर, ऐसा करने से नष्ट हो जाता है जीवन

नीति शास्त्र के महान ज्ञाता आचार्य चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ में ऐसे 7 प्रकार के चीजों का जिक्र किया है जिन्हें गलती से भी पैर नहीं लगाना चाहिए. वो बताते हैं कि इन 7 चीजों को पैर लगाने वाले मनुष्य का नाश हो जाता है. उन्हें भगवान भी माफ नहीं करते. आइए जानते हैं इस नीति के बारे में...

पादाभ्यां न स्पृशेदग्निं गुरुं ब्राह्मणमेव च। नैव गावं कुमारीं च न वृद्धं न शिशुं तथा॥

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति ग्रंथ में सातवें अध्याय के छठे श्लोक में बताया है कि अग्नि, गाय, गुरु, ब्राह्मण, कुमारी कन्या, वृद्ध और शिशु, इन सभी को कभी भी पैर से नहीं छूना चाहिए. अर्थात ऐसा करना असभ्यता है.

अग्नि को अगर पैर से छुएंगे तो पैर जल सकता है. वैसे भी अग्नि को देवता माना गया है और देवताओं का अपमान नहीं किया जाता. अग्नि को हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र माना गया है, यही कारण है कि सभी महत्वपूर्ण कामों को अग्नि को साक्षी मानकर किया जाता है. इसलिए अग्नि को पैरों से नहीं छूना चाहिए.

गुरु, ब्राह्मण और वृद्ध हमारे लिए पूजनीय और सम्माननीय होते हैं, इसलिए इनको पैर नहीं लगाना चाहिए. चाणक्य के मुताबिक कुमारी कन्या और शिशु छोटे होने के बावजूद हमारे लिए आदरणीय होते हैं. चाणक्य कहते हैं कि गाय को पैर से छूना महापाप होता है. हमारे वेद में कहा गया है कि जो मनुष्य गाय को लात मारता है, वह जड़-मूल से नष्ट हो जाता है.



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