पराली नहीं जलाने के प्रति जागरूक करने के लिए 15 अक्टूबर को हर ग्रामसभा में होगी बैठक


 

बलिया। अवशेष जलाने को लेकर जिला प्रशासन अब सख्त रूख अख्तियार करने की तैयारी में है। इसको लेकर 15 अक्टूबर को जिले की समस्त ग्राम सभाओं में खुली बैठक होगी, जिसमें ग्राम सभा सदस्य, गन्ना पर्यवेक्षक, लेखपाल, सचिव, प्राविधिक सहायक आदि रहेंगे। उस बैठक में लोगों को फसल अवशेष नहीं जलाने के प्रति लोगों को जागरूक किया जाएगा। यह भी बताया जाएगा कि यह दण्डनीय अपराध है और अपराधिक कृत्य घोषित है। फसल अवशेष जलाने पर दो एकड़ तक के किसानों को 2500 रूपए प्रति घटना, दो से पांच एकड़ तक के किसानों को पांच हजार तथा पांच एकड़ से अधिक भूमि पर 15 हजार प्रति घटना जुर्माना की वसूली होगी। दोबारा ऐसी घटना करने वालों को सरकरी सुविधाओं व सब्सिडी आदि के लाभ से वंचित कर दिया जाएगा। इन प्रयासों के बाद भी फसल अवशेष जलाया जाता है तो ग्राम प्रधान व सचिव सम्बन्धित व्यक्ति की लिखित सूचना लेखपाल को देंगे। लेखपाल एफआईआर दर्ज कराते हुए क्षतिपूर्ति वसूली के लिए एसडीएम को सूचित करेंगे। ग्राम प्रधान द्वारा छिपाने पर उनका भी उतरादायित्व तय किया जाएगा। 

 

तहसीलवार बनी है उड़नदस्ता टीम

 

जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने बताया कि फसल अवशेष जलाने की घटनाओं पर अंकुश पाने के लिए तहसीलवार उड़नदस्ता टीम भी बनाई गई है। सभी तहसील के एसडीएम दस्ता प्रभारी व उनके साथ सम्बन्धित सीओ व कृषि विभाग के अन्तर्गत आने वाले विभाग के एक अधिकारी होंगे। पराली जलाने की घटना संज्ञान में आने पर इनका भी उत्तरादायित्व निर्धारित किया जाएगा।

 

कार्रवाई के संबंध में यह हैं निर्देश

 

जिलाधिकारी श्री शाही ने बताया कि कृषि अपशिस्ट जलाने वाले दोषी व्यक्ति के विरूद्ध अर्थदण्ड वसूले जाने के सम्बन्ध में स्पष्ट निर्देश है कि सबसे पहले लेखपाल साक्ष्य के साथ नायब तहसीलदार को तीन दिन के अंदर रिपोर्ट देंगे। नायब तहसीलदार तीन दिन के अंदर कारण बताओ नोटिस जारी करेंगे और सुनवाई के बाद दोषी मिलने पर अर्थदण्ड अधिरो​पित करेंगे।

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