बलिया : तीन दिवसीय गंगा यात्रा का जयप्रकाशनगर में हुआ समापन



 

सिर्फ नदी नहीं, बल्कि जीवनदायिनी है गंगा, इसे साफ रखना सब सबका कर्तव्य

 

गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए निःस्वार्थ भावना से करना होगा काम

 

बलिया। तीन दिवसीय गंगा यात्रा का समापन रविवार को जयप्रकाशनगर में हुआ। इससे पहले तीसरे व अंतिम दिन गोपालपुर घाट से इस यात्रा को बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। गोपालपुर से आगे की करीब दर्जन भर पंचायत के प्रधान गण से साथ गंगा स्वच्छता पर चर्चा हुई और लोगों को जागरूक करते रहने के लिए प्रेरित किया गया।

 

इस अवसर विधायक ने कहा कि गंगा को स्वच्छ रखने का संकल्प हर किसी को लेना चाहिए। यह मात्र नदी नहीं हैं, बल्कि इंसान की जीवनदायिनी व मोक्षदायिनी है। उन्होंने कहा कि जहां लाभ की बात होगी वहां भला नहीं होगा, और भलाई करने वाला कभी लाभ के बारे में नहीं सोचेगा। गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए भी जनप्रतिनिधि, अधिकारी गण और हर एक आम लोगों को निःस्वार्थ भाव से सोचना होगा। उन्होंने आवाह्न किया कि जहां गंगा के लिए निःस्वार्थ भाव से कुछ अच्छा करने का निर्णय जिला से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक किया जाए। बीडीओ और पंचायत सचिवों से कहा कि कार्यालय में नहीं बल्कि ग्राम पंचायत के घर-घर जाएंगे, तभी हर एक पात्र उन योजनाओं का लाभ दे पाएंगे। विधायक ने कहा, मैंने अब तक 452 गरीब परिवार की लड़कियों की शादियां कराई है। इसमें लोगों ने 2 करोड़ रुपये से अधिक का सहयोग भी किया है। कहने का आशय यह है कि अगर इंसान ठान ले तो बड़ा से बड़ा काम भी कर सकता है।

 

...तो पैमाइस के मामले में बलिया बन जाएगा प्रदेश स्तरीय रोल मॉडल

 

विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि गांव में अधिकांश विवाद पैमाइस को लेकर होती है। अगर इसको लेकर कोई ढंग की पारदर्शी व्यवस्था हो जाए तो कोर्ट-कचहरी में जाने वाले अधिकांश विवादों का जन्म ही नहीं होगा। उन्होंने कहा कि बैरिया क्षेत्र के जमीनी मामलों के हल के लिए पैमाइस का एक अभियान चलाया जाए। इसमें जिलाधिकारी, एसडीएम व तहसीलदार कार्ययोजना बनाकर अधीनस्थों को निर्देशित करें। दावा किया कि अगर जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अमला समन्वय बनाकर ईमानदारी से इस अभियान में लग जाएं तो जिस तरह श्रावस्ती मॉडल पूरे प्रदेश में चर्चित है, उसी तरह पैमाइस के मामले में 'बैरिया मॉडल' भी हो जाएगा।

 

कुंआ, तालाब, चकमार्ग के लिए मुहिम पर बल

 

गंगा यात्रा के दौरान मौजूद समस्त ग्राम प्रधान से जिलाधिकारी एसपी शाही ने कहा कि कुंआ, तालाब, गड़हा, पोखरा और सुगम चकमार्गों के लिए हर गांव में मुहिम चलाने पर प्रशासन का जोर है। गंगा किनारे गांवों से ही इसकी शुरुआत की जाए। मुहिम ऐसी चले कि जिला ही नहीं, बल्कि प्रदेश स्तर पर एक मॉडल के रूप में वह बन जाए। ग्राम पंचायत ग्राम सचिवालय के रूप में बनाई जाए और वहां लेखपाल और पंचायत सचिवों के बैठने का समय तय हो। पूरी गंगा यात्रा के दौरान नेहरू युवा केंद्र के युवा मंडल और एनसीसी कैडेट्स ने भी महत्वपूर्ण सहयोग दिया। युवा मंडल में विनोद चौरसिया, नंदनी सिंह, शालू आदि ने जन जागरूकता में अपनी अहम भूमिका निभाई। वहीं, सुरक्षा में एनडीआरएफ इंस्पेक्टर अनिल शर्मा व उनकी पूरी टीम लगी रही। डीएफओ श्रद्धा, एसडीएम सदर राजेश यादव, तहसीलदार शिवसागर दुबे, डीडीओ शशिमौली मिश्र, जल निगम एक्सईएन अंकुर श्रीवास्तव, आपदा प्राधिकरण से पीयूष, स्वच्छ भारत के शैलेश ओझा, भूगोलविद गणेश पाठक, शिवकुमार कौशिकेय, कला शिक्षक इफ्तेखार खां, रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी आदि थे।

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